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Corona Omicron New Variant: साइप्रस में मिला नया कोरोना वैरिएंट डेल्टाक्रोन, ओमिक्रॉन-डेल्टा वैरिएंट का मिला-जुला स्वरुप,

Corona Omicron New Variant नई दिल्ली, Corona Omicron New Varian ओमिक्रॉन अब तक कोरोना के मिले सभी वैरिएंट में से सबसे तेज़ी से फैलने वाला वैरिएंट बताया गया है. जिसकी पुष्टि खुद WHO भी कर चुका है, जबकि डेल्टा से कई देशों में बड़ा नुकसान हुआ था. इन दोनों वैरिएंट के मिले-जुले रूप से कितनी […]

Corona Omicron New Variant:
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  • Last Updated: January 9, 2022 16:01:29 IST

Corona Omicron New Variant

नई दिल्ली, Corona Omicron New Varian ओमिक्रॉन अब तक कोरोना के मिले सभी वैरिएंट में से सबसे तेज़ी से फैलने वाला वैरिएंट बताया गया है. जिसकी पुष्टि खुद WHO भी कर चुका है, जबकि डेल्टा से कई देशों में बड़ा नुकसान हुआ था. इन दोनों वैरिएंट के मिले-जुले रूप से कितनी दिक्कतें हो सकती है इसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता.

कोरोना का डर उसके नए वैरिएंट की तरह ही ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच साइप्रस में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि की गई है. इस नए वैरिएंट में कोरोना के दो वैरिएंट, ओमिक्रॉन और डेल्टा का मिला जुला रूप पाया गया है. इस बात की पुष्टि ब्लूमबर्ग न्यूज ने की है. ब्लूमबर्ग की माने तो साइप्रस के शोधार्थी ने इस वैरिएंट का पता लगाया है.

‘डेल्टाक्रोन’ के नाम से जाना जाएगा यह वैरिएंट

इस वैरिएंट की खोज करने वाले साइप्रस के जीव विज्ञान के प्राध्यापक लियोन्डियोस कोस्ट्रिक्स ने इस वैरिएंट को डेल्टाक्रोन का नाम दिया है. यह नाम इसके मिले जुले रूप की वजह से दिया गया है. इस वैरिएंट में ओमिक्रॉन जैसे अनुवांशिक लक्षण है और डेल्टा जैसे जीनोम. अब तक इस वैरिएंट के केवल 25 मरीज पाए गए है. हालाँकि केवल 25 संक्रमितों के आधार पर इसके लक्षणों, असर या घातक होने की सम्भावनाओं पर कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी. कॉस्ट्रीम की माने तो इस वैरिएंट के संक्रामक होने की रफ़्तार या घातक होने की सीमा का पता लगाना अभी बाकी है. फिलहाल कोरोना के इस नए रूप के सैंपल्स पर शोध जारी है. सभी शोध के नतीजें संक्रमण के आंकड़ों पर नजर रखने वाले अंतरराष्ट्रीय डाटा बेस ‘जीआईएसएड’ को भेजे जा चुके हैं.

ओमिक्रॉन मचा रहा तबाही

ज़्यादा घातक न होने के बावजूद ओमिक्रॉन ने अपने पैर दुनिया भर में तेज़ी से पसार लिए है. इस नए वैरिएंट की खोज भी ऐसे समय में हुई है जब विश्व ओमिक्रॉन से पहले ही बहुत प्रभावित हो चुका है. विश्व में कोरोना के पीक का सबसे बड़ा कारण इस समय ओमिक्रॉन है, जिससे सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस हैंं.

 

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