Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Assam-Nagaland clash: असम-नागालैंड अदालत के बाहर सीमा विवाद सुलझाने को तैयार

Assam-Nagaland clash: असम-नागालैंड अदालत के बाहर सीमा विवाद सुलझाने को तैयार

Assam-Nagaland clash नई दिल्ली . Assam-Nagaland clash नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने सोमवार को कहा कि उनकी और असम की सरकारें लंबे समय से लंबित अंतर-राज्यीय सीमा विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के प्रतिनिधिमंडल फरवरी में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते है […]

Assam-Nagaland clash
inkhbar News
  • Last Updated: January 24, 2022 20:06:13 IST

Assam-Nagaland clash

नई दिल्ली . Assam-Nagaland clash नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने सोमवार को कहा कि उनकी और असम की सरकारें लंबे समय से लंबित अंतर-राज्यीय सीमा विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के प्रतिनिधिमंडल फरवरी में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते है और विवाद को खत्म करने या समाधान पर विचार विमर्श कर सकते हैं.

इसके साथ ही नेफ्यू रियो ने कहा कि हमारी सरकार ने हालही में असम के मुख्यमंत्री से मुलकारत की है और सिमा विवाद के साथ-साथ पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर रॉयल्टी के मुद्दे पर भी चर्चा की गई है. यादो दोनों राज्य इस मुद्दे को भी सुलझा लेते है तो यह दोनों राज्यों के हित में होगा।

केंद्र सरकार लेगी असम-मेघालय सीमा विवाद पर अंतिम फैसला

वही असमं और मेघालय के बीच लम्बे समय से चल रहे सिमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों ने केंद्र को अपनी रिपोर्ट दी है, जिसपर अब अंतिम फैसला केंद्र सरकार को लेना है. बता दें अभी कुछ समय पहले असम और मेघालय के मुख्यमंत्रीओ ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और अपने-अपने पक्ष को रखा, जिसके बाद सभी मुद्दों पर चर्चा की गई और 26 जनवरी के बाद फिर से बैठक करने पर सहमति बनी थी . असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बैठक के बाद बताया था कि गृह मंत्री ने सभी पहलू को सुना है और अब 26 जनवरी के बाद फिर सभी अधिकारीयों के साथ इस बातचीत को आगे बढ़ाया जाने पर सहमति बनी हैं। दोनों ही राज्यों ने गृह मंत्री को अपनी रिपोर्ट दी है, जिसपर मंत्रालय जांच करके आगे की बातचीत पर विचार करेगा।

5 दशक पुराना है विवाद

मेघालय को 1972 में असम से अलग कर एक अलग राज्य का दर्जा दिया गया था. पिछले कुछ वर्षों में दोनों राज्यों में सीमावर्ती क्षेत्रों पर रहने वाले लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई थी. मेघालय का कहना है कि असम में 12 ऐसे इलाके है जो उसके होने चाहिए। दोनों राज्यों ने एक नीति अपना रखी है, जिसके तहत कोई भी राज्य दूसरे राज्य को बताए बिना विवादित इलाकों में विकास योजनाएं शुरू नहीं कर सकता. इसके लिए पहले राज्य कोअनुमति लेनी होनी, जिसके बाद ही आगे का कार्य राज्य करता है।

यह भी पढ़ें :

Safe School Zone: मुंबई महानगरपालिका का पायलट प्रोजेक्ट हुआ सफल, स्टूडेंट्स ने माना अब स्कूल जाना पहले से सरल और सुरक्षित

Anurag’s Taunt on Akhilesh : शायराना अंदाज में अनुराग का अखिलेश पर तंज, ये वही सपा है, जिससे जनता खफा है