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जहांगीरपुरी हिंसा : अकबरुद्दीन ओवैसी ने शोभायात्रा में हथियार लहराने वालों को बताया भगवा आतंकी

नई दिल्ली, जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर अब हैदराबाद के सांसद AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन का भी बयान सामने आ गया है. जहाँ उन्होंने इस हिंसा में बंदूक और तलवार लेकर शामिल होने वालों को भगवा आतंकी बताया है. क्या बोले अकबरुद्दीन ओवैसी? हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख ओवैसी के छोटे […]

जहांगीरपुरी हिंसा : अकबरुद्दीन ओवैसी ने शोभायात्रा में हथियार लहराने वालों को बताया भगवा आतंकी
inkhbar News
  • Last Updated: April 17, 2022 15:52:55 IST

नई दिल्ली, जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर अब हैदराबाद के सांसद AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन का भी बयान सामने आ गया है. जहाँ उन्होंने इस हिंसा में बंदूक और तलवार लेकर शामिल होने वालों को भगवा आतंकी बताया है.

क्या बोले अकबरुद्दीन ओवैसी?

हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ने अब अपनी प्रतिक्रिया दी है. जहां उन्होंने दंगों में तलवार और बंदूक लेकर शामिल होने वालों को भगवा आतंकी बताया है. उनके शब्दों में, शोभायात्रा में मस्जिद के सामने नाचा गया और जयश्रीराम के नारे लगाए गए. इतना ही नहीं उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि मस्जिद के ऊपर झंडा लगाने की भी कोशिश की गयी.

आगे अकबरुद्दीन ने दंगों पर कार्रवाई करने वाली पुलिस से सवाल किया कि पुलिस ने अबतक कितने दंगाइयों को गिरफ्तार किया है. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी बयान देते हुए कहा है, कि इस तरह की बातों का इसी तरह जवाब दिया जाना चाहिए. क्योंकि ये लोग आसानी से समझने नहीं वाले हैं.

बयानों को लेकर विवादों में थे अकबरुद्दीन

लंगाना विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन भी हैं. उनके खिलाफ निजामाबाद और निर्मल में कथित तौर पर नफरत फैलाने के लिए हेट स्पीच का मामला साल 2012 में दर्ज़ किया गया था. इसके अलावा उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के खिलाफ भी मामला दर्ज़ है. उनपर एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण और आपत्तिजनक भाषा के प्रयोग का भी आरोप लगाया गया था. अकबरुद्दीन ने अपने भड़काऊ भाषण निजामाबाद में आठ दिसंबर, 2012 को और निर्मल कस्बे में 22 दिसंबर, 2012 को दिए थे. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और 40 दिनों के लिए वह जेल में भी रहे. जिसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

हनुमान जयंती को हुई हिंसा

प्राथमिकी में बताया गया है- थाना जहांगीरपुरी क्षेत्र में हनुमान जन्मोत्सव का जुलूस निकाला जा रहा था. जुलूस शनिवार शाम 04:15 बजे जहांगीरपुरी से शुरू हुआ, जो बीजेआरएम अस्पताल रोड, बीसी मार्केट, कुशाल चौक होते हुए महेंद्र पार्क में समाप्त होना था. जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था.

शाम करीब छह बजे जैसे ही बारात जामा मस्जिद के पास पहुंची तो अंसार नाम का शख्स अपने 4-5 साथियों के साथ आया और जुलूस में शामिल लोगों से बहस करने लगा. विवाद बढ़ने पर दोनों पक्षों में पथराव शुरू हो गया, जिससे जुलूस में भगदड़ मच गई.

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