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महाराष्ट्र विधानसभा: कांग्रेस विधायक कैलास गोरंट्याल बोले- राजनीति में पहले साम, दाम, दंड, भेद जरूरी था लेकिन अब…

महाराष्ट्र विधानसभा: मुंबई। महाराष्ट्र में आज शिंदे सरकार ने अपनी सबसे बड़ी परीक्षा पास कर ली। राज्य की विधानसभा में आज हुए बहुमत परीक्षण में शिंदे गुट और बीजेपी की सरकार को 164 वोट और महाविकास अघाड़ी गठबंधन को 99 वोट मिले। मतदान के दौरान ही कांग्रेस विधायक कैलास गोरंट्याल ने बीजेपी पर निशाना साधते […]

Congress MLA Kailas Gorantyal
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  • Last Updated: July 4, 2022 13:25:42 IST

महाराष्ट्र विधानसभा:

मुंबई। महाराष्ट्र में आज शिंदे सरकार ने अपनी सबसे बड़ी परीक्षा पास कर ली। राज्य की विधानसभा में आज हुए बहुमत परीक्षण में शिंदे गुट और बीजेपी की सरकार को 164 वोट और महाविकास अघाड़ी गठबंधन को 99 वोट मिले। मतदान के दौरान ही कांग्रेस विधायक कैलास गोरंट्याल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में पहले साम, दाम, दंड, भेद जरूरी था। लेकिन अब ईडी, सीबीआई और गवर्नर जरूरी है।

शिंदे सरकार ने हासिल किया विश्वास मत

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने आज विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। सदन में हुए बहुमत परीक्षण में शिंदे गुट और बीजेपी की सरकार के पक्ष में 164 वोट और खिलाफ 99 वोट पड़े। भारी विरोध के बीच विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने इस फैसले का ऐलान किया। बहुमत साबित करने के बाद बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि ये देखो जीत गए, ठोक बजा के।

स्पीकर चुनाव में भी मिली आसान जीत

महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ। जिसमें शिंदे गुट और बीजेपी के तरफ से राहुल नार्वेकर उम्मीदवार थे और महाविकास अघाड़ी की ओर से राजन साल्वी प्रत्याशी थे। चुनाव में राहुल नार्वेकर ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। राहुल को 164 वोट मिले। वहीं दूसरी तरफ अघाड़ी उम्मीदवार राजन साल्वी को 107 वोट मिले।

अयोग्यता को लेकर बढ़ा विवाद

बता दें कि इससे पहले रविवार को दोनों शिंदे गुट और उद्धव खेमे ने स्पीकर चुनाव के लिए शिवसेना विधायकों को व्हिप जारी किया था। जिसमें दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में वोट करने की बात कही थी। चुनाव के बाद शिंदे और उद्धव दोनों गुट ने एक-दूसरे पर व्हिप के उल्लंघन का आरोप लगाया। उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि बागी 39 विधायकों ने पार्टी के व्हिप का पालन नहीं किया है इसीलिए राज्य विधानसभा से ऐसे विधायकों को अयोग्य किया जाए। दूसरी तरफ शिंदे गुट की तरफ से भी उद्धव खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई है।

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