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पेलोसी की यात्रा से खुश मनीष तिवारी ने दिया ओम बिरला को सुझाव, कहा- सांसदों की टीम लेकर जाएं ताइवान

  नई दिल्ली। अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान के दौरे से जहां चीन व अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है, वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे ऐतिहासिक कदम बता दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक अहम सुझाव भी दे […]

मनीष तिवारी
inkhbar News
  • Last Updated: August 3, 2022 10:37:42 IST

 

नई दिल्ली। अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान के दौरे से जहां चीन व अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है, वहीं, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इसे ऐतिहासिक कदम बता दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक अहम सुझाव भी दे दिया है।

बता दें कि लोकसभा सदस्य तिवारी ने लोकसभा स्पीकर बिरला को सुझाव दिया कि आप भी एक संसदीय प्रतिनिधि मंडल की टीम को लेकर ताइवान जाना चाहिए। सांसद तिवारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के इस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने अमेरिकी संसद को सरकार की एक शाखा निरुपित किया है। इसका मतलब है कि संसदीय दल की यात्रा पर सरकार का खास नियंत्रण नहीं रहता है।

तिवारी ने स्पीकर बिरला को पोस्ट किया ये संदेश

दरअसल, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने लोकसभा स्पीकर से ट्वीट करते कहा कि, ‘स्पीकर @SpeakerPelosi की ताइवान यात्रा ऐतिहासिक कदम है। जैसा कि राष्ट्रपति @JoeBiden ने शी जिनपिंग से कहा है कि संसद सरकार की एक शाखा के समान है। ठीक इसी प्रकार से आपके नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को भी ताइवान की यात्रा पर जाने के लिए विचार करना चाहिए।

गरमा रहा है एशिया-प्रशांत विवाद

वहीं, कांग्रेस नेता तिवारी ने ये कहा कि यह मुद्दा केवल स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का मसला नहीं है, बल्कि इससे एशिया प्रशांत हिस्सा गरमा रहा है। अमेरिका के तीन विमान वाहक यूएसएस त्रिपोली, युद्धपोत-यूएसएस रोनाल्ड रीगन और यूएसएस अमेरिका भी ताइवान के आसपास के क्षेत्र में तैनात हैं। यह 1995 के अमेरिका का सबसे गंभीर शक्ति प्रदर्शन है।

चीन ने ताइवान में शुरू किया युद्धाभ्यास, भेज लड़ाकू विमान

गौरतलब है कि चीन की धमकियों के बावजूद नैंसी पेलोसी मंगलवार रात ताइवान पहुंच गई। बता दें कि बीते 25 सालों में किसी शीर्ष अमेरिकी अधिकारी की यह पहली ताइवान यात्रा मानी जा रही है। इससे चीन और ज्यादा गुस्सा हो गया है। उसने ताइवान में अपने कई लड़ाकू विमान भेज दिए हैं। इन विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरकर अमेरिका व स्वायत्त द्वीप की सरकार को अपनी ताकत का प्रदर्शन दिखाया है।

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