Inkhabar
  • होम
  • राज्य
  • दिल्ली: आबकारी नीति पर डिप्टी सीएम सिसोदिया बोले-LG के सभी सुझाव माने गए, सामान रूप से दुकानें बंटी

दिल्ली: आबकारी नीति पर डिप्टी सीएम सिसोदिया बोले-LG के सभी सुझाव माने गए, सामान रूप से दुकानें बंटी

  नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति को लेकर शनिवार यानी आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली के एलजी ने दो बार आबकारी नीति को स्वीकृति दी थी। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब ने नई नीति को पास किया था और हमने […]

आबकारी नीति पर डिप्टी सीएम सिसोदिया
inkhbar News
  • Last Updated: August 6, 2022 13:36:30 IST

 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति को लेकर शनिवार यानी आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली के एलजी ने दो बार आबकारी नीति को स्वीकृति दी थी। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि एलजी साहब ने नई नीति को पास किया था और हमने एलजी के सभी सुझाव मान लिए थे। उन्होंने आगे कहा कि नई आबकारी नीति में दुकानें समान रूप से बंटी।

एलजी की मंजूरी ली गई थी- सिसोदिया

बता दें कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि नई नीति में दुकान बढ़ाने नहीं बल्कि समान रूप से दुकान बांटने का प्रस्ताव दिया गया था। दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी से ही नई नीति बनाई गई थी। सरकार ने उपराज्यपाल के सभी सुझाव माने थे।

दुकानदारों को फायदा पहुंचा

दरअसल, नई आबकारी नीति मई 2021 में लागू हुई थी, जिससे पुराने दुकानदारों को फायदा हुआ। आप नेता सिसोदिया ने कहा कि जब दुकानों को खोलने की फाइल उपराज्यपाल के पास पहुंची तो उनका रुख बदल गया। सिसोदिया ने दावा किया कि उपराज्यपाल ने दो बार पढ़कर नई नीति को मंजूरी दी थी।

सरकार को करोड़ो का हुआ नुकसान

गौरतलब है कि राजधानी के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने बिना सरकार और कैबिनेट से चर्चा के फैसला बदल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर एलजी ऑफिस ने निर्णय नहीं बदला होता तो सरकार को हजारों करोड़ों का नुकसान नहीं होता।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने पर पूर्व एलजी के रुख में बदलाव की जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा है।

Vice President Election 2022: जगदीप धनखड़ बनेंगे देश के अगले उपराष्ट्रपति? जानिए क्या कहते हैं सियासी समीकरण