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52 सेकेंड का राष्ट्रीय गान केवल एक पद है, 75 आर्टिस्ट ने दी थी अपनी आवाज

नई दिल्ली: जन-गण-मन, 52 सेकेंड का गान, जिससे करोड़ों धड़कनें रुक जाती है। क्या आपको पता है, हम जो राष्ट्रगान गाते हैं, वह पूरे गीत का सिर्फ एक पद है?दरअसल, यह गीत पांच पदों से कम्पलीट होता है।रविंद्रनाथ टैगोर की रची इस जयध्वनि को 75 आर्टिस्ट ने एक साथ गाया है। कैसे तैयार हुआ गीत […]

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  • Last Updated: August 14, 2022 17:41:39 IST

नई दिल्ली: जन-गण-मन, 52 सेकेंड का गान, जिससे करोड़ों धड़कनें रुक जाती है। क्या आपको पता है, हम जो राष्ट्रगान गाते हैं, वह पूरे गीत का सिर्फ एक पद है?दरअसल, यह गीत पांच पदों से कम्पलीट होता है।रविंद्रनाथ टैगोर की रची इस जयध्वनि को 75 आर्टिस्ट ने एक साथ गाया है।

कैसे तैयार हुआ गीत

गीत को इस तरह तैयार करने का आइडिया कैसे आया और ये कोशिश कैसे कामयाब हुई, इस पर अंबुजा नेवतिया ग्रुप के चेयरमैन हर्षवर्धन ने बताया कि ‘हम लोगों ने कुछ वक़्त पहले भी ‘जय हे’ पर काम किया था। उस वक्त गुरुदेव की 150वीं जयंती थी। इस बार आजादी की 75वीं सालगिरह है। तो सोचा कि गुरुदेव के लिखे पूरे गीत के लिए 75 आर्टिस्ट को साथ लाएं। लेकन चिंता थी कि क्या इतने कलाकार साथ गाने को राजी होंगे या नहीं। ये ईश्वर की कृपा और देशभक्ति ही है कि जिनसे भी बात की, उनमें से ज्यादातर ने हाँ कह दिया था।

तैयारी को लेकर उन्होंने बताया कि टीम ने जून में पहली मीटिंग करके काम करना शुरू किया। शूटिंग में करीब 40 दिन लगे थे। इसके बाद पोस्ट प्रोडक्शन और एडिटिंग में समय लगा।

हर्षवर्धन ने बताया कि इसे करने से पहले जितनी परेशानी सोची थी, उससे बहुत कम आई। टीम को काफी मेहनत करनी पड़ी। लगातार एक से दूसरे शहर के लिए भागना पड़ा था।12 शहरों में इसकी शूटिंग पूरी हुई। सभी आर्टिस्टों का अलग-अलग लोकेशन पर शूट किया गया। ज्यादातर आर्टिस्ट मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में रहते हैं। लेकिन बहुत से बाकी शहरों में। इसलिए आगरा, राजस्थान, नॉर्थ ईस्ट और छत्तीसगढ़ भी गए।

हर्षवर्धन ने बताया कि हमारा देश इतना अलग है, इतनी भाषाएं हैं, विचार हैं, लोग अलग-अलग वर्गों में रहते हैं, अलग-अलग पोशाक पहनते हैं, फिर भी राष्ट्र भक्ति में सब जुड़ जाते हैं। यही हमारे देश की डायवर्सिटी है। और ये गीत इसी का सेलिब्रेशन है।

 

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