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दिल्ली के लिए रवाना हुए गहलोत.. क्या मान गई सोनिया गाँधी ?

नई दिल्ली. अशोक गहलोत इस समय धर्म दुविधा में फंसे हैं, एक ओर उन्हें पायलट की ताजपोशी स्वीकार नहीं है दूसरी ओर उनका अध्यक्ष पद दांव पर लगा है. ऐसे में, अशोक गहलोत सोनिया गाँधी से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं. कहा जा रहा है कि गहलोत कल सुबह सोनिया गाँधी से […]

Ashok Gehlot-Sonia Gandhi
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  • Last Updated: September 28, 2022 21:35:43 IST

नई दिल्ली. अशोक गहलोत इस समय धर्म दुविधा में फंसे हैं, एक ओर उन्हें पायलट की ताजपोशी स्वीकार नहीं है दूसरी ओर उनका अध्यक्ष पद दांव पर लगा है. ऐसे में, अशोक गहलोत सोनिया गाँधी से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं. कहा जा रहा है कि गहलोत कल सुबह सोनिया गाँधी से मुलाकात करेंगे.

बार-बार टल रहा था कार्यक्रम

पहले खबर आ रही थी कि अशोक गहलोत दोपहर दो बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे, फिर गहलोत के मंत्री खाचरियावास ने कहा कि वो पांच बजे रवाना होंगे. पांच के साढ़े पांच, छह बज गए लेकिन अब तक गहलोत दिल्ली के लिए नहीं निकले हैं. ऐसे में, अब ये कहा जा रहा है कि सोनिया गाँधी ने अशोक गहलोत को मिलने के लिए वक्त नहीं दिया है जिसके चलते उनके कार्यक्रम में देरी हो रही है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि सोनिया गाँधी ने अशोक गहलोत को मिलने का वक्त दे दिया है, इसीलिए गहलोत जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.

अब जयपुर में खाचरियावास ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद जो बातें कहीं उसके मुताबिक, गहलोत कैंप अब भी अपनी बात पर अड़ा हुआ है उन्हें सचिन पायलट की ताजपोशी मंजूर नहीं है, इसके इतर गहलोत के ही मंत्रियों का कहना है कि उन्हें हाईकमान के सारे फैसले मंजूर हैं.
गहलोत के दिल्ली जाने को लेकर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘मुख्यमंत्री दिल्ली जाएंगे, पहले से ही उनकी दिल्ली यात्रा तय यही. गहलोत जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और राजस्थान के मुख्यमंत्री भी हैं, वह शाम को 5-साढ़े 5 बजे दिल्ली जाएंगे। वह 102 विधायकों की भावना संगठन और नेतृत्व को भी समझाएंगे. वह 102 विधायकों के अभिभावक हैं और विधायकों ने उनसे कहा था कि हमारी भावना, हमारा सम्मान, हमारी आवाज उठाना आपका काम है इसलिए वो दिल्ली जाकर विधायकों की आवाज़ को बुलंद करेंगे क्योंकि उन्होंने विधायकों को जबान दी थी.’

अपनी मांग पर अड़े विधायक

खाचरियावस समेत गहलोत कैंप के कई नेता लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि या तो राजस्थान में अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री के रूप में रखा जाए या फिर नए सीएम का चुनाव उन 102 विधायकों में से हो जो 2020 में सचिन पालयट की बगावत के समय सरकार के साथ थे. इस संबंध में मंत्री शांति धारीवाल ने तो पायलट को गद्दार कहते हुए कहा कि उन्हें पुरस्कार देना राजस्थान के विधायक कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे.

गहलोत ने मांगी सोनिया से माफ़ी

इस समय कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जहाँ एक ओर राजस्थान में सियासी घमासान मचा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में स्थिति को देखते हुए अशोक गहलोत ने अपना रुख बदल लिया, उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है. उन्होंने सोनिया गाँधी से कहा कि मैं कभी भी कांग्रेस हाईकमान को चुनौती नहीं दूंगा.

 

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