नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 153वीं जयंती है। इस अवसर पर पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है। हर साल 2 अक्टूबर के दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी एक महान नेता और समाज सुधारक थे। उन्होंने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए निडरता से संघर्ष किया था। उनके विचार आज भी दुनियाभर के लोगों का मार्गदर्शन करते हैं।
Mahatma Gandhi – Charkha
बता दें कि महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। लोग प्यार से उन्हें बापू बुलाते हैं। गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनकी शादी पोरबंदर के व्यापारी परिवार की बेटी कस्तूरबा से हुई थी। गांधी जी और कस्तूरबा के चार बेटे हुए, जिनके नाम मनिलाल, हरिलाल, देवदास, रामलाल था।
Kasturba – Mahatma Gandhi
महात्मा गांधी ने साल 1906 में ट्रासवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ अपना पहला सत्याग्रह चलाया था। इसके बाद उन्होंने नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को नमक सत्याग्रह चलाया था, जिसमें उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों तक पैदल मार्च निकाला थी। इसके साथ ही बापू ने देश की आजादी के लिए ‘दलित आंदोलन’, ‘असहयोग आंदोलन’, ‘नागरिक अवज्ञा आंदोलन’, ‘दांडी यात्रा’ और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ शुरू किए थे।
Mahatma Gandhi – Padyatra
महात्मा गांधी अपने अहिंसक आंदोलनों की वजह से पूरे देश में प्रसिद्ध होने लगे थे। उनसे गरम और नरम दोनों दल के नेता प्रभावित थे। सभी उनका सम्मान करते थे। आजादी के महानायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से पहली बार महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया गया था। उन्होंने कहा था कि हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की इस पवित्र लड़ाई में मैं आपका आशीर्वाद और शुभकामना चाहता हूं।
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