लखनऊ. माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें तो बढ़ ही रही है, इसके साथ उन्हें सह देने वाले लोगों की भी मुश्किलें बढ़ रही है. माफिया मुख्तार के बेटे और पत्नी पर तो पहले से ही तलवार लटक रही है. वहीं, अब माफिया को जेल से भागने में मदद करने वाली अलका राय पर भी गाज गिरी है. आपको अलका राय तो याद ही होंगी, जिन्होंने माफिया मुख्तार को अपने अस्पताल के लेटर पैड पर एंबुलेंस दिया था. बता दें, अलका राय के खिलाफ गैंगस्टर के तहत अस्पताल को कुर्क करने की कार्रवाई की गई है, जिसके बाद से ही हड़कंप मच गया है. गौरतलब है कि पंजाब में मुख्तार अंसारी को लेने गई यूपी के बाराबंकी जिले के नंबर की एक एंबुलेंस उस समय सुर्खियों में आ गई जब पता चला कि उनको रोपड़ जेल से लाने और ले जाने के लिए एक यूपी के नंबर प्लेट वाली एम्बुलेंस इस समय काफी ज्यादा एक्टिव है.
यूपी के नंबर प्लेट वाली एम्बुलेंस का पता चलते ही पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया था, वहीं छानबीन करने पर पुलिस को पता चला कि एंबुलेंस बाराबंकी से डॉ अलका राय के नाम पर ली गई है, लेकिन ये तो प्राथमिक जानकारी थी. इसके बाद जब पुलिस ने और बारीकी से छानबीन की तो पता चला तो ये एम्बुलेंस मऊ जिले की श्याम संजीवनी हॉस्पिटल को संचालित करने वाली डॉक्टर अलका राय की है. इस मामले में मुख्तार अंसारी समेत छह लोगों को सज़ा हुई थी, जिसमें सभी पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई थी. फिलहाल डॉक्टर अलका राय और उनके साथी डॉक्टर एसएन राय जमानत पर हैं, लेकिन अब उनके खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट लगा दिया गया है जिसके तहत उनका अस्पताल कुर्क किया गया है.
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