Inkhabar
  • होम
  • राजनीति
  • हार का डर या भाजपा-शिंदे गुट ने मानी राज ठाकरे की बात ? क्या है उम्मीदवार वापसी के मायने

हार का डर या भाजपा-शिंदे गुट ने मानी राज ठाकरे की बात ? क्या है उम्मीदवार वापसी के मायने

मुंबई. महाराष्ट्र में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है, दरअसल, यहाँ शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान किया था, इस चुनाव में उद्धव ठाकरे ने उनकी पत्नी ऋतुजा लटके को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का उम्मीदवार बनाया है वहीं इस सीट से भाजपा ने मुरजी पटेल […]

CM Eknath Shinde
inkhbar News
  • Last Updated: October 17, 2022 14:31:47 IST

मुंबई. महाराष्ट्र में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है, दरअसल, यहाँ शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान किया था, इस चुनाव में उद्धव ठाकरे ने उनकी पत्नी ऋतुजा लटके को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का उम्मीदवार बनाया है वहीं इस सीट से भाजपा ने मुरजी पटेल को चुनावी दंगल में उतारा था, लेकिन अब पार्टी ने अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया है. अब मुरजी पटेल के नाम वापस लेने के बाद ऋतुजा लटके का निर्विरोध जीतना तय माना जा रहा है. बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर पटेल के नामांकन वापस लेने की अपील की थी जिसके बाद पटेल का नामांकन पार्टी ने वापस ले लिया.

ऋतुजा के सामने कमज़ोर उम्मीदवार थे पटेल

अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट की लड़ाई बहुत ही दिलचस्प होने वाली थी, इसमें एक तरफ जहां मराठी ऋतुजा लटके चुनाव उद्धव खेमे से उम्मीदवार थीं वहीं, भाजपा-शिंदे कैंप की तरफ से मुरजी पटेल मैदान में उतरे थे, जो कि गुजराती हैं, अब उद्धव ठाकरे कैंप की कोशिश थी कि इसे मराठी बनाम गुजराती की लड़ाई बनाई जाए, क्योंकि इस सीट पर हिंदी और मराठी भाषी मतदाताओं का बोलबाला है और कुछ ही इलाकों में गुजरातियों की आबादी है. बता दें, रमेश लटके के लिए भी मराठी वोटर एकजुट होकर वोट करते आ रहे थे, साल 2014 के मोदी लहर में भी उन्होंने इस सीट पर सफलता पाई थी. इतना ही नहीं, इस चुनाव में उद्धव के कैंडिडेट के पक्ष में सहानुभूति वोट पड़ने की भी संभावना था, क्योंकि ऋतुजा के पति रमेश ही इस सीट से विधायक थे.

अब भाजपा और शिंदे कैंप अगर ये लड़ाई हारता तो आगामी बीएमसी चुनाव में काफी मुश्किल हो सकती थी क्योंकि 50 से ज्यादा विधायकों और 12 सांसदों सहित संगठन के कई पदाधिकारियों की बगावत झेलने के बाद उद्धव ठाकरे काफी कमजोर नजर आ रहे हैं और ऐसे में ये लड़ाई बहुत अहम थी, इसलिए भाजपा-शिंदे कैम्प ने पहले ही सहानुभूति दिखाते हुए अपना उम्मदीवार वापस ले लिया.

 

 

Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव आज, थरूर ने दिया बड़ा बयान

Vaishali Takkar Suicide Case: वैशाली ठक्कर ने अपने सुसाइड नोट में लिखी ये बात, राहुल को ठहराया जिम्मेदार