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हादसा या साज़िश.. दीवार घड़ी बनाने वाली कंपनी को कैसे मिला पुल का कॉन्ट्रैक्ट ?

अहमदाबाद. गुजरात के मोरबी शहर केबल का ब्रिज टूटने से लगभग 134 लोगों की जान चली गई. पुल टूटने पर इसकी बहुत ही गहनता से जांच की जा रही है, ऐसे में पुल की मरम्मत करने वाला ओरेवा ग्रुप भी जांच के दायरे में आ गया है, ग्रुप को CFL बल्ब, दीवार घड़ी और ई-बाइक […]

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  • Last Updated: October 31, 2022 17:35:47 IST

अहमदाबाद. गुजरात के मोरबी शहर केबल का ब्रिज टूटने से लगभग 134 लोगों की जान चली गई. पुल टूटने पर इसकी बहुत ही गहनता से जांच की जा रही है, ऐसे में पुल की मरम्मत करने वाला ओरेवा ग्रुप भी जांच के दायरे में आ गया है, ग्रुप को CFL बल्ब, दीवार घड़ी और ई-बाइक बनाने में विशेषज्ञता हासिल है, ऐसे में ये समझ पाना मुश्किल है कि दीवार घड़ी बनाने वाली कंपनी को उसे 100 साल से भी अधिक पुराने पुल की मरम्मत का ठेका कैसे दे दिया गया?

बता दें, तकरीबन 5 दशक पहले ओधावजी राघवजी पटेल की ओर से स्थापित कंपनी मशहूर अजंता और ओरपैट ब्रांड के तहत दीवार घड़ी बनाती है इस कंपनी को इसमें विशेषज्ञता हासिल है, पटेल का 88 वर्ष की आयु में इस महीने की शुरुआत में निधन हो गया था, बता दें, करीब 800 करोड़ रुपये की आय वाला अजंता ग्रुप अब घरेलू और बिजली के उपकरण, बिजली के लैम्प, कैलकुलेटर, चीनी मिट्टी के उत्पाद और ई-बाइक बनाता है.

सांसद के परिवार के 12 लोगों की मौत

राजकोट से सांसद मोहन कुंदरिया के परिवार पर रविवार रात दुखो का पहाड़ टूट गया। मोरबी पुल हादसे में बीजेपी सांसद के परिवार के 12 लोगों की मौत हो गई है। सांसद ने मीडिया ने मीडिया को बताया है कि पुल टूटने से जहां पर लोग गिरे, वहां करीब 15 फीट तक पानी था। कुछ लोग तो नदी से तैरकर बाहर निकल गए, लेकिन कई लोगों की डूबने से मौत हो गई।

मटमैले पानी से लोगों को ढूंढना मुश्किल

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि मच्छु नदी का पानी मटमैला होने की वजह से लोगों को ढूंढने में काफी दिक्कत आ रही है। अधिकारी ने कहा कि उसने अपनी जिंदगी में पहली बार इतनी मौंते देखी हैं। बता दें कि आज सुबह से सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। जानकारी के मुताबिक नदी में पानी कम करने के लिए चेक डैम को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।

मोरबी पुल का इतिहास जानें

गौरतलब है कि मोरबी का यह ऐतिहासिक केबल पुल 143 साल पुराना है। इसकी लंबाई 765 फीट है। इस पुल का उद्धाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई (पहले बंबई) के गर्वनर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस समय इसकी लागत 3.5 लाख रूपये आई थी। बताया जाता है कि पुल बनाने का सारा सामान इंग्लैंड से मंगाया गया था। दिवाली से पहले इस पुल की 2 करोड़ रूपये में मरम्मत की गई थी।

 

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