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जेल से निकलते ही बदले संजय राउत के सुर, कहा- ‘किसी को दोष नहीं दूंगा

महाराष्ट्र: मुंबई। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को बुधवार को मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने जमानत दे दी। जेल से रिहा होने के बाद आज राउत ने मीडिया से बात की। इस दौरान उनके सुर बदले-बदले से नजर आए। शिवसेना नेता ने कहा कि उनके साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए वो […]

(संजय राउत)
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  • Last Updated: November 11, 2022 11:20:43 IST

महाराष्ट्र:

मुंबई। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को बुधवार को मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने जमानत दे दी। जेल से रिहा होने के बाद आज राउत ने मीडिया से बात की। इस दौरान उनके सुर बदले-बदले से नजर आए। शिवसेना नेता ने कहा कि उनके साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए वो किसी को दोष नहीं देंगे।

किसी से कोई शिकायत नहीं

संजय राउत ने कहा कि जिन लोगों ने ये साजिश रची थी, अगर उनको आनंद मिला होगा तो मैं इसमें उनका सहभागी हूं। मेरे मन में किसी के लिए कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरी व्यवस्था को या फिर किसी केंद्रीय एजेंसी को दोष नहीं दूंगा।

पीएम और गृह मंत्री से मिलूंगा

राउत ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में नई सरकार बनी है, सरकार ने कुछ निर्णय अच्छे लिए हैं, मैं उनका स्वागत करूंगा। मैं आज उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलूंगा। कुछ दिनों में राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात करूंगा। मैं दिल्ली में जाकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मिलूंगा।

आइए जानते हैं कि 102 दिन तक संजय राउत को जेल में रखने वाला पात्रा चॉल घोटाला क्या है?

पात्रा चॉल ज़मीन घोटाला क्या है?

पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा, प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला किया गया, साल 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को सौंपा, यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था।

म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं, जबकि रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे और म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था। लेकिन 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए।

राउत का कनेक्शन जानिए

गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ;पर आरोप है कि फ्लैट बनाने की बजाए इन्होंने 47 एकड़ जमीन को आठ अलग-अलग बिल्डरों को बेच दी थी, इससे कंपनी ने 1034 करोड़ रुपये कमाए थे। वहीं मार्च 2018 में म्हाडा ने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। मामला आर्थिक अपराध विंग यानी EOW को सौंपा गया। EOW ने फरवरी 2020 में प्रवीण राउत को गिरफ्तार कर लिया।

बताया जाता है कि प्रवीण राउत, संजय राउत के बहुत करीबी थे और वह एचडीआईएल में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ कंपनी में निदेशक थे। वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं, हालांकि प्रवीण राउत को कोर्ट ने जमानत दे दी लेकिन पीएमसी बैंक घोटाले के मामले में प्रवीण को ईडी ने गिरफ्तार कर किया।

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