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Shraddha Murder Case: श्रद्धा हत्याकांड में बड़ा खुलासा, पहचान छुपाने के लिए आफताब ने जलाया था चेहरा

नई दिल्ली। दिल्ली की विभत्स कर देने वाली श्रद्धा हत्याकांड में अब तक कई खुलासे हुए हैं। वहीं आरोपी आफताब से पूछताछ में और भी कई सारी नई बातें सामने आ रही है। पुलिस द्वारा श्रद्धा हत्याकांड को लेकर आफताब से लगातार पूछताछ जारी है। इस पूछताछ में आफताब ने आज बड़ा खुलासा किया है, […]

Shraddha Murder Case
inkhbar News
  • Last Updated: November 17, 2022 13:47:44 IST

नई दिल्ली। दिल्ली की विभत्स कर देने वाली श्रद्धा हत्याकांड में अब तक कई खुलासे हुए हैं। वहीं आरोपी आफताब से पूछताछ में और भी कई सारी नई बातें सामने आ रही है। पुलिस द्वारा श्रद्धा हत्याकांड को लेकर आफताब से लगातार पूछताछ जारी है। इस पूछताछ में आफताब ने आज बड़ा खुलासा किया है, उसने श्रद्धा के चेहरे को जलाने की बात कबूली है।

टुकड़े करने से पहले चेहरा जलाया

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की श्रद्धा हत्याकांड में रोज बड़े खुलासे हो रहे हैं। पुलिस आरोपी आफताब से लगातार पूछताछ कर रही है। आफताब इस विभत्स घटना के बारे में रोज नए खुलासे कर रहा है। आफताब से आज के पूछताछ में पुलिस को एक और बड़ी जानकारी पता चली है। आरोपी ने बताया कि उसने श्रद्धा का हत्या करने के बाद पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे को जला दिया था। आरोपी ने ये काम शव के टुकड़ों को ठिकाने लगाने से पहले ऐसा किया था। उसने इन सभी चीजों की जानकारी इंटरनेट के माध्यम से ली थी।

ऐसे आया जुर्म को छिपाने का आइडिया

पुलिस से पूछताछ में आफताब ने बताया कि वह वेब सीरीज और खासतौर पर क्राइम शोज को देखने का आदी थी। इन्हीं शोज को देखकर उसने सीखा कि श्रद्धा को कैसे फैमिली और फ्रेंड्स की नजरों में जिंदा रखा जाए। श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को आरी से काटकर फ्रिज में सुरक्षित रखने का आइडिया भी आफताब ने क्राइम शोज देखकर सीखा था। खून को साफ करने का तरीका उसने गूगल के जरिए पता किया था।

बाथरूम में किए थे लाश के 35 टुकड़े

बता दें कि आफताब और श्रद्धा लिव-इन में रहते थे। 18 मई 2022 को 28 वर्षीय आफताब ने 27 साल की श्रद्धा की हत्या कर दी थी। आफताब ने फ्लैट के बाथरूम में श्रद्धा की लाश के 35 टुकड़े किए थे। बॉडी से निकला खून सीवेज में बह जाए इसलिए वह शॉवर को चालू रखता था। बॉडी के टुकड़ो को रखने के लिए उसने 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। इसके बाद 18 दिनों तक रोज रात 2 बजे दिल्ली के जंगलों में वह लाश के टुकड़ों को फेंकने जाता था।