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ई-सिगरेट पीने से कम होता है खतरा…? इस खबर को पढ़ने के बाद दूर हो जाएगी गलतफहमी

नई दिल्ली: आपने भी ई-सिगरेट (E-Cigarette) का नाम जरूर सुना होगा. इस सिगरेट को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह आम सिगरेट के मुकाबले कम नुकसानदेह होती है. इसकी मार्केटिंग भी सिगरेट की आदत छुड़ाने वाले प्रोडक्ट के तौर पर की जाती है. लेकिन क्या वाकई इस सिगरेट को पीना हमारे लिए नुकसानदायक नहीं […]

ई-सिगरेट पीने से कम होता है खतरा...? इस खबर को पढ़ने के बाद दूर हो जाएगी गलतफहमी
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  • Last Updated: November 19, 2022 23:37:00 IST

नई दिल्ली: आपने भी ई-सिगरेट (E-Cigarette) का नाम जरूर सुना होगा. इस सिगरेट को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह आम सिगरेट के मुकाबले कम नुकसानदेह होती है. इसकी मार्केटिंग भी सिगरेट की आदत छुड़ाने वाले प्रोडक्ट के तौर पर की जाती है. लेकिन क्या वाकई इस सिगरेट को पीना हमारे लिए नुकसानदायक नहीं है? इसके बारे में बताने से पहले आइये इस सिगेरट के बारे में ठीक से जान लेते हैं.

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• क्या है यह ई-सिगरेट ?

 

अब बात आती है कि यह र ये ई-सिगरेट है क्या चीज है? तो आपको बता दें, ई-सिगरेट का मतलब होता है इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट। यह एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसे ENDS (इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम) डिवाइस कहा जाता है. यह बैटरी से ऑपरेट होता है और इसका काम निकोटिन पहुँचाने का होता है.

 

• आम सिगरेट से कितनी अलग है ई-सिगरेट

 

सामान्य सिगरेट और ई-सिगरेट में सबसे बड़ा फर्क यह होता है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में तंबाकू भरा हुआ नहीं होता है. दिखने में यह एक एक इलेक्ट्रिक पैन जैसा होता है जिसके अंत में LED बल्ब लगा होता है. इसके कश लगाने पर यह आपको सिगरेट के तंबाकू जलने जैसा एहसास देता है और कश भरने पर इसका बल्ब भी जलता है. इसके इस्तेमाल के लिए कई फ्लेवर आते हैं. इसके अंदर लिक्विड निकोटिन का कार्टेज मौजूद होता है जिसमें लिक्विड फ्लेवर भरा जाता है.

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• ई-सिगरेट में जो लिक्विड निकोटिन मौजूद होता है वह जलता नहीं है, इसलिए इसमें से धुंआ नहीं निलकता है और इसी के चलते इसमें से स्मोक जैसी गंध भी नहीं आती. लिक्विड निकोटिन गर्म हो जाता है और भाप बन जाता है. जो लोग ई-सिगरेट पीते हैं वह धुंए की बजाय भाप को कश के तौर पर खींचते हैं.

 

• ई-सिगरेट के नुकसान

 

निकोटिन का सेवन , हार्ट, लीवर और किडनी के लिए बेहद ही खतरनाक होता है. इसे आप चाहे ई-सिगरेट के तौर पर लें या फिर सामान्य सिगेरट के तौर पर यह उतना ही खतरनाक है. निकोटिन में कैंसर पैदा करने वाले एजेंट पाए जाते हैं. इसकी लत बहुत ख़राब होती है और यह फेफड़ों की खतरनाक बीमारियों का कारण बनती है. इससे रक्‍त वाहिकाओं में सूजन जैसी गंभीर बीमारियां पैदा होती हैं.

 

जानकारी के लिए बता दें, देश में ई-सिगरेट पर पूरी तरह से बैन है. लेकिन चोरी-छिपे इसकी बिक्री होती है. इसमें एक से ज्यादा बार नियमों का उल्लंघन करने पर तकरीबन 5 लाख रुपये का जुर्माना और 3 साल की जेल प्रस्तावित की गई है. ऐसे में आप इस नशे से खुद को दूर रखें व गलतफहमी में न रहें कि ई-सिगरेट शरीर के लिए घातक नहीं है.

 

 

(Disclaimer: यह खबर सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखी गई है. इस का मकसद धूम्रपान को बढ़ावा देना नहीं है. खबर में शामिल तथ्यों की संपूर्णता व सटीकता के लिए इनख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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