Inkhabar
  • होम
  • राज्य
  • झारखंड के राज्यपाल का राष्ट्रपति के नाम पत्र, हाईकोर्ट में कार्यवाही भाषा को हिंदी बनाए जाने की मांग

झारखंड के राज्यपाल का राष्ट्रपति के नाम पत्र, हाईकोर्ट में कार्यवाही भाषा को हिंदी बनाए जाने की मांग

रांची। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन्होंने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखा है और उसमें झारखंड हाईकोर्ट की कार्यवाही भाषा को हिंदी बनाए जाने की मांग की है। अधिकांश लोग हिंदी बोलते-समझते हैं झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक पत्र लिख कर […]

Governor of Jharkhand
inkhbar News
  • Last Updated: December 17, 2022 12:52:23 IST

रांची। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन्होंने राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखा है और उसमें झारखंड हाईकोर्ट की कार्यवाही भाषा को हिंदी बनाए जाने की मांग की है।

अधिकांश लोग हिंदी बोलते-समझते हैं

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक पत्र लिख कर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होंने हाईकोर्ट की कार्यवाही भाषा को हिंदी करने की बात कही है। दरअसल हिंदी झारखंड की राजभाषा है, यहां के अधिकांश लोग हिंदी बोलते और समझते हैं, जबकि इस राज्य में अंग्रेजी बहुत कम लोगों द्वारा बोली और समझी जाती, इसके बावजूद उच्च न्यायालय कार्यवाही भाषा अंग्रेजी है।

इन हाईकोर्ट में हिंदी है कार्यवाही भाषा

बता दें कि संविधान में निहित प्रावधानों का उपयोग करके अभी तक हिंदी को झारखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाही भाषा नहीं बनाया गया है। जबकि देश में कई ऐसे राज्य हैं, जहां पर राजभाषा हिंदी इसको वहां के हाईकोर्ट में कार्यवाही भाषा के रुप में भी लागू कर दिया गया है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार के हाईकोर्ट शामिल हैं।

बिहार से अलग होकर बना था झारखंड

गौरतलब है कि 15 नवंबर साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना था। इससे पहले हाई कोर्ट का न्यायिक क्षेत्राधिकार पटना उच्च न्यायालय के अंतर्गत आता था। वर्तमान में बिहार हाईकोर्ट की कार्यवाही भाषा हिंदी है, जबकि उसी से अलग होकर बने झारखंड हाईकोर्ट की कार्यवाही भाषा अंग्रेजी है। हालांकि झारखंड की राजभाषा हिंदी ही है, ऐसे में राज्यपाल द्वारा ऐसी मांग उठाई गई है।