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ईसा मसीह के जन्म से पहले हुई थी भविष्यवाणी , जानिए क्या थी आकाशवाणी

नई दिल्ली। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व बड़े धूमधाम के साथ लोग मनाते है , चाहे वो किसी भी धर्म से हो , लेकिन वो इस दिन खूब हर्ष और उल्लास से मनाते है। बता दें , इस दिन परम पिता परमेशवर के पुत्र ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ऐसे तो […]

The prophecy was made before the birth of Christ
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  • Last Updated: December 25, 2022 09:33:22 IST

नई दिल्ली। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व बड़े धूमधाम के साथ लोग मनाते है , चाहे वो किसी भी धर्म से हो , लेकिन वो इस दिन खूब हर्ष और उल्लास से मनाते है। बता दें , इस दिन परम पिता परमेशवर के पुत्र ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ऐसे तो भारत समेत दुनियाभर में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है लेकिन पश्चिमी देशों में ईसाई इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। लोगो इस मौके पर चर्चों और घरों को क्रिसमस ट्री और लाइट्स से सजाते हैं और इस त्योहार का आने का बेसब्री इंतज़ार करते है।

क्रिसमस के दिन लोग एक दूसरे को गिफ्ट्स देते हैं और मिठाई खिलाकर इस पर्व मनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि ईसाई धर्म के संस्थापक जीजस या ईसा मसीह थें और ईसा मसीह ने धर्म के पुराने ढांचे को बदलकर नए तरीके से लोगों को धर्म की शिक्षा दी थी और उसे अपनाने के लोगों को प्रोत्साहित किया था।

कैसे हुआ ईसा मसीह का जन्म ?

बता दें , ईसाई धर्मग्रंथ बाइबिल के अनुसार, ईसा मसीह का जन्म रोमन राज्य के बेथलहम में 25 दिसंबर को जोसेफ और उनकी पत्नी मरियम के घर में हुआ था। मरियम की सगाई जोसेफ नाम के सूत से हुई थी और ईश्वर के आशीष से मरियम शादी से पहले ही रहस्यमयी तरीके से गर्भवती हो गई थीं। हालांकि ,जोसेफ ने भी ईसा मसीह के जन्म को ईश्वर का आशीर्वाद माना और मरियम से शादी कर ली थी। ऐसा कहा जाता है कि मरियम और जोसेफ ने अपने बेटे का नाम जेशुआ या क्राइस्ट जेशू रखा, जो कि बाद में जीसस नाम बन गया.

यहूदियों को दी थी धर्म की शिक्षा

बाइबिल से मिली जानकारी के अनुसार, जीसस जब 12 साल के हुए तब उन्होंने यहूदियों के गुरुओं से शिक्षा ली थी। वहीं बता दें , 30 वर्ष की उम्र में जीसस ने संत जॉन से बाप्तीस्मा यानी धर्म की शिक्षा ली थी। इसके बाद ही उन्होंने यहूदियों को धर्म की शिक्षा देनी शुरू कर दी थी। जीसस ने धर्म की आड़ में चल रहे सभी रूढ़िवादी विचारों का खंडन करना शुरू किया और धर्म को इंसानियत के लिए इस्तेमाल करना सिखाया और लोगों को इसके लिए प्रभावित किया था।

 

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