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बोलने की आजादी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला , कहा – ‘ किसी मंत्री के बयान पर सरकार नहीं, खुद मंत्री ही जिम्मेदार ‘

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की आजादी पर ज्यादा पाबंदी लगाने से इनकार का फैसला किया है । बता दें , मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने बताया कि इसके लिए पहले ही संविधान के आर्टिकल 19(2) में जरूरी प्रावधान दिए हुए हैं। कोर्ट ने […]

Supreme Court On Freedom Of Speech Of Ministers
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  • Last Updated: January 3, 2023 14:57:09 IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की बोलने की आजादी पर ज्यादा पाबंदी लगाने से इनकार का फैसला किया है । बता दें , मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने बताया कि इसके लिए पहले ही संविधान के आर्टिकल 19(2) में जरूरी प्रावधान दिए हुए हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि किसी भी आपत्तिजनक बयान के लिए उसे जारी करने वाले मंत्री को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा ।

इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होगी । जानकारी के मुताबिक , सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों के लिए बोलने की आजादी पर गाइडलाइन बनाने का अनुरोध किया था । रिपोर्ट के अनुसार , नेताओं के लिए बयानबाजी की सीमा तय करने का मामला 2016 में बुलंदशहर गैंग रेप केस में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे आजम खान की बयानबाजी से शुरुआत हुई थी।

जस्टिस नागरत्ना की राय थी अलग

बता दें , जस्टिस नागरत्ना ने कहा- अनुच्छेद 19(2) के अलावा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ज्यादा प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है । लेकिन , कोई व्यक्ति बतौर मंत्री अपमानजनक बयान देता है, तो ऐसे बयानों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा । अगर मंत्रियों के बयान छिटपुट हैं, जो सरकार के रुख के अनुरूप नहीं हैं, तो इसे व्यक्तिगत टिप्पणी माना जा सकता है ।

15 नवंबर से फैसला था सुरक्षित

जानकारी के लिए बता दें , सुप्रीम कोर्ट ने 15 नवंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ था। बता दें , इस दौरान अदालत ने बताया था कि सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए और जो कि देशवासियों के लिए अपमानजनक हों। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह व्यवहार हमारी संवैधानिक संस्कृति का ही हिस्सा है और इसके लिए सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों के अलग से कोई कानून बनाना जरूरी नहीं है।

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