नई दिल्ली : JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में रूटीन चेकअप के दौरान बिहार के तीन बीजेपी नेतओं से मुलाकात की. मीटिंग के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि उपेंद्र कुशवाहा मंत्री पद नहीं मिलने की वजह से एक बार फिर एनडीए में शामिल हो सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जब कुशवाहा ने मुलाकात की तो अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि जल्द ही JDU छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं. जो नेता उपेंद्र कुशवाहा से मिले थे उनमें पूर्व विधायक रंजन पटेल, संजय सिंह और योगेंद्र पासवान शामिल हैं. भारतीय पार्टी ने संकेत दिया है कि अगर कुशवाहा पार्टी में आना चाहें तो उनका स्वागत है.
जो तीन नेता उपेंद्र कुशवाहा से मिले उनमें से प्रेम रंजन पटेल बिहार के सूर्यगढ़ा से विधायक रह चुके है और वर्तमान में भाजपा के प्रवक्ता पद पर है. बीजेपी के संगठन में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. बात अगर हम संजय सिंह टाइगर करे तो वे भी भाजपा के प्रवक्ता है और पूर्व में विधायक रहे है. 2010 के विधानसभा चुनाव में रामेश्वर प्रसाद को हराकार पहली बार विधायक बने थे. जीतने के बाद उनका कद पार्टी में काफी बढ़ गया. योगेंद्र कुशवाहा अपनी राजनीति की शुरूआत 1994 में बीजेपी से ही की थी. बिहार के पिछड़ी जाती के कद्दावर नेता है. वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाती आयोग के सदस्य भी रहे है. तीनों नेताओं के मिलने के बाद बिहार के राजनीतिक समीकरण में बदलाव आने की अटकलें लगाई जा रही है.
आप को बता दे कि बिहार में महागंबधन की सरकार बनने के बाद उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री पद नहीं मिला था. उनको उम्मीद थी की कैबिनेट विस्तार में उन्हें डिप्टी सीएम का पद मिल सकता है लेकिन नीतिश कुमार ने साफ कर दिया कि कोई दूसरी डिप्टी सीएम नहीं होगा जिससे कुशवाहा के अरमानों पर पानी फिर गया. इसी के बाद से अटकलें तेज हो गई कि कुशवाहा किसी दूसरी पार्टी में अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे है. अपनी पार्टी के सिकुड़ते जनाधार की वजह उन्होंने पार्टी का विलय जेडीयू में किया था. उपेंद्र कुशवाहा एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.
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