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Shashi tharoor ने गहलोत और पायलट को बताया जिताऊ नेता, पीएम मोदी पर भी कसा तंज

जयपुर। सचिन पायलट द्वारा अशोक गहलोत को “जादूगर” वाले बयान को लेकर कांग्रेस के नेता शशि थरूर (Shashi tharoor) ने बयान देते हुए दोनों नेताओं को दोस्त बताया, साथ ही भाजपा सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के अलावा पीएम मोदी के प्रेस कॉन्फ्रेंस ना करने को लेकर सवाल खड़े किए। शशि थरूर (Shashi tharoor) जयपुर […]

Shashi tharoor
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  • Last Updated: January 22, 2023 07:57:14 IST

जयपुर। सचिन पायलट द्वारा अशोक गहलोत को “जादूगर” वाले बयान को लेकर कांग्रेस के नेता शशि थरूर (Shashi tharoor) ने बयान देते हुए दोनों नेताओं को दोस्त बताया, साथ ही भाजपा सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के अलावा पीएम मोदी के प्रेस कॉन्फ्रेंस ना करने को लेकर सवाल खड़े किए। शशि थरूर (Shashi tharoor) जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के लिए जयपुर पहुंचे हुए थे, इसी दौरान उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के बाद दोनों के रिश्तों को अच्छा बताया।

क्या बोले थरूर ?

थरूर ने कहा कि, “राहुल गांधी ने जब से राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी उसके बाद दोनों के रिश्ते में काफी ज्यादा सुधार आया है। अब दोनों एक हो गए हैं। शशि थरूर ने कहा कि राजनीति में बयानबाजी तो चलती रहती है, इसमें कुछ नया नहीं है। लेकिन चुनाव में इन दोनों नेताओं को साथ में आकर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को वापिस लाना पड़ेगा। इसके अलावा शशि थरूर (Shashi tharoor) ने दोनों नेताओं को भीड़ को खींचने वाले और कांग्रेस के जिताऊ नेता भी बताया।

सरकार के फैसलों की आलोचना

थरूर ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के लिए जयपुर पहुंचे थे, जहां पर अपने भाषण में उन्होंने भाजपा सरकार पर जमकर हमला किया। थरूर ने सीएए से लेकर तीन तलाक और नोटबंदी जैसे फैसलों पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हुआ जब धर्म के आधार पर नागरिकता का फैसला करने की बात किसी सरकार ने की है, जबकि कांग्रेस ने पिछले 75 सालों में देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बनाकर रखा था।

मोदी को बताया स्क्रिप्ट वाला पीएम

शशि थरूर (Shashi tharoor) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में हालात ठीक नहीं हैं, फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी भी मीडिया से बातचीत नहीं करते है, क्योंकि प्रधानमंत्री सिर्फ स्क्रिप्ट ही पढ़ने में यकीन रखते है, जबकि आज जरूरत है सभी की बात बराबर रूप से सुनकर उनका जवाब दिया जाए, अगर कोई नेता और लीडर स्क्रिप्ट ही पढ़ना चाहते हैं तो वो लीडर नहीं हो सकता।