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आजादी से पहले ही नेताजी ने बना ली थी सरकार, जानिए पूरी कहानी

नई दिल्ली। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महापुरुषों ने अपना योगदान दिया था, जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भी शामिल है। सुभाष चंद्र बोस ने भारत के लिए पूर्ण स्वराज का सपना देखा था। भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराने के लिए उन्होंने कई आंदोलन भी किए थे। इसकी वजह से […]

Netaji Subhas Chandra Bose
inkhbar News
  • Last Updated: January 23, 2023 09:40:37 IST

नई दिल्ली। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक महापुरुषों ने अपना योगदान दिया था, जिनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भी शामिल है। सुभाष चंद्र बोस ने भारत के लिए पूर्ण स्वराज का सपना देखा था। भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराने के लिए उन्होंने कई आंदोलन भी किए थे। इसकी वजह से नेताजी को कई बार जेल भी जाना पड़ा था। उन्होंने अपने वीरतापूर्ण कार्यों से अंग्रेज़ी सरकार की नींव को हिला दिया था। बता दें कि, वैसे तो हमें अंग्रजी हुकूमत से आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी, लेकिन इससे करीब 4 साल पहले ही सुभाष चंद्र बोस ने हिन्दुस्तान की पहली सरकार का गठन कर दिया था। इसलिए 21 अक्टूबर 1943 का दिन भी हर भारतीय के लिए बेहद ही खास और ऐतिहासिक होता है।

आजादी से पहले ही बनाई थी सरकार

उस वक्त भारत पर अंग्रेजों का राज था, हांलाकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्बूर 1943 को वो कारनामा कर दिखाया था, जिसे अब तक किसी ने करने का सोचा भी नहीं होगा। उन्होंने आजादी से पहले ही सिंगापुर में आजाद हिंद सरकार की स्थापना कर दी थी। नेताजी ने इस सरकार के जरिए अंग्रेजों को साफ कर दिया था कि अब भारत में उनकी सरकार का कोई अस्तित्व नहीं बचा है। भारतवासी अपनी सरकार को चलाने के लिए बिलकुल सक्षम है। आजाद हिंद सरकार के बनने से आजादी की लड़ाई में एक नए जोश का संचार का आगमान हुआ था।

करीब 8 दशक पहले 21 अक्टूबर 1943 को देश से बाहर अविभाजित भारत की पहली सरकार का गठन हुआ था, उस सरकार का नाम था आजाद हिंद सरकार। 4 जुलाई 1943 को सिंगापुर के कैथे भवन में हुए समारोह में रासबिहारी बोस ने आज़ाद हिंद फ़ौज की कमान सुभाष चंद्र बोस के हाथों में सौंप दी थी। इसके बाद ही 21 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार की स्थापना की गई थी।

इस सरकार में हर क्षेत्र के लिए योजना

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्‍व में आज़ाद हिंद सरकार ने हर क्षेत्र से जुड़ी योजनाएं बनाई गई थीं। इस सरकार का अपना एक बैंक था, अपनी मुद्रा थी, अपना डाक टिकट था, अपना गुप्तचर तंत्र था। ये तमाम चीज़े इस सरकार के अंतर्गत थी। इसके अलावा नेताजी ने देश के बाहर रहकर सीमित संसाधनों के साथ शक्तिशाली साम्राज्‍य के खिलाफ व्‍यापक तंत्र विकसित भी कर लिया था। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने बैंक और स्वाधीन भारत के लिए अपनी मुद्रा के निर्माण के आदेश भी दिए थे।

आजाद हिंद सरकार का अपना बैंक था, जिसका नाम आजाद हिंद बैंक था। इस बैंक ने दस रुपये के सिक्के से लेकर एक लाख रुपये का नोट जारी किए थे और एक लाख रुपये के नोट पर सुभाष चंद्र बोस की ही तस्वीर छपी हुई थी। इसके साथ ही सुभाष चंद्र बोस ने जापान और जर्मनी की मदद से आजाद हिंद सरकार के लिए नोट छपवाने का इंतजाम भी किया था। जर्मनी ने आजाद हिन्द सरकार के लिए कई डाक टिकट भी जारी किए थे, जिन्हें आजाद डाक टिकट बोला जाता था। हालांकि अब ये टिकट भारतीय डाक के स्वतंत्रता संग्राम डाक टिकटों में शामिल हैं।

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