Inkhabar
  • होम
  • दुनिया
  • फुटबॉल के मैदान से छोटा देश, आइए जानते है इनके बारे में

फुटबॉल के मैदान से छोटा देश, आइए जानते है इनके बारे में

नई दिल्ली: आज हम आपको बताएंगे दुनिया के सबसे छोटे देश के बारे में जहां रहने वाले लोगों की कुल संख्या केवल 27 है. यह देश इंग्लैंड के निकट स्थित है जिसका नाम सीलैंड है. इंग्लैंड के सफोल्क समुद्री तट से करीब 10 km दूर स्थित समुद्री किले पर है. जिसे दूसरे वर्ल्ड वॉर के […]

Small Country
inkhbar News
  • Last Updated: January 24, 2023 10:16:52 IST

नई दिल्ली: आज हम आपको बताएंगे दुनिया के सबसे छोटे देश के बारे में जहां रहने वाले लोगों की कुल संख्या केवल 27 है. यह देश इंग्लैंड के निकट स्थित है जिसका नाम सीलैंड है. इंग्लैंड के सफोल्क समुद्री तट से करीब 10 km दूर स्थित समुद्री किले पर है. जिसे दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान ब्रिटेन के योगदान से बना था. कुछ दिनों बाद उन्हें खाली कर दिया।

9 अक्टूबर 2012 को रॉय बेट्स नाम के शख्स ने सीलैंड का खुद प्रिंस घोषित कर लिया, रॉय बेट्स की मौत बाद उनके बेटे माइकल का शासन रहा. सीलैंड का क्षेत्रफल करीब 250 मीटर है, और इसे वेटिकन सिटी के नाम से भी जाना जाता है. इंग्लैंड के सफोल्क समुद्री तट से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर सीलैंड स्थित है. ब्रिटेन ने दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान बनाया और बाद में खाली कर दिया. अभी तक इस देश को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त नहीं हुई है।

डोनेशन पर टिकी है अर्थव्यवस्था

दुनिया के सबसे छोटे देश सीलैंड के पास आजीविका का कोई साधन नहीं है. इस देश के बारे में पहली बार इंटरनेट के जरिए लोगों को जब पता चला तो उन्हें खूब डोनेशन दिया। इससे यहां रहने वाले लोगों को आर्थिक सहायता मिली. यह देश इतना छोटा है कि गूगल मैप पर सर्च कर पाना काफी मुश्किल है. इसी वजह से हर देश की तरह यहां बहुत सारी चीजें लागू नहीं होतीं. अगर आप दुनिया का सबसे छोटा देश गूगल पर सर्च करेंगे तो आपको सीलैंड नहीं, बल्कि वेटिकन सिटी का नाम नजर आएगा.

आपको बता दें कि फेसबुक पर प्रिंसिपैलिटी ऑफ सीलैंड के नाम से एक पेज भी बना है, जिसे 92 हजार से अधिक लोगों ने लाइक किया है. अब इस छोटे देश की सैर पर खूब लोग पहुंच रहे हैं।

दिल्ली का अगला मेयर, गुजरात चुनाव और फ्री रेवड़ी, मनीष सिसोदिया ने बताए सारे राज!

India News Manch पर बोले मनोज तिवारी ‘रिंकिया के पापा’ पर डांस करना सबका अधिकार