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पीएम मोदी के समर्थन में उतरे एके एंटनी के बेटे अनिल

  नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व सीएम एके एंटनी के बेटे ने अलग रूख अपनाया है. अनिल एंटनी ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया है. अनिल एंटनी ने कहा कि इस तरह की डॉक्यूमेंट्री एक खतरनाक मिशाल पेश करती है. इससे […]

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  • Last Updated: January 24, 2023 22:47:22 IST

 

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल के पूर्व सीएम एके एंटनी के बेटे ने अलग रूख अपनाया है. अनिल एंटनी ने वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया है. अनिल एंटनी ने कहा कि इस तरह की डॉक्यूमेंट्री एक खतरनाक मिशाल पेश करती है. इससे हमारे देश की संप्रभुत्ता और अखंडता को कमजोर करेगी. कांग्रेस के सक्रिय सदस्य अनिल एंटनी ने कहा कि बीजेपी के साथ मदभेद हो सकता है लेकिन इस तरह के विचारों से खतरनाक मिशाल पेश की जा रही है.

अनिल कांग्रेस के सक्रिय सदस्य है

एके एंटनी के बेट अनिल एंटनी कांग्रेस पार्टी की केरल ईकाई के डिजिटल संचार की जिम्मेदारी संभाल चुके है. अनिल एंटनी ने ट्वीट कर कहा कि जो लोग ब्रिटिश प्रसारक और इंग्लैंड के पूर्व विदेश सचिव जैक स्ट्रॉ के विचारों का समर्थन करते है और उन्हें अपने यहां जगह देते है वे भारतीय संस्थानों के लिए खतरनाक मिशाल पेश कर रहे है. अनिल ने कहा कि 2003 के इराक युद्ध के पीछे जैक का दिमाग था. केरल के कई राजनीतिक पार्टियों ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की घोषणा की है, जिसका समर्थन कांग्रेस भी कर रही थी. भारतीय जनता पार्टी ने इसका विरोध किया और इसको रोकने के लिए केरल के सीएम से कहा कि आप हस्तक्षेप करिए. वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की छात्र इकाई ने और फेडरशन ने कहा था कि हम इसको अपने फेसबुक पर दिखाएगें.

26 जनवरी पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा

इस विवादित मामले डॉक्यूमेंट्री पर कांग्रेस नेता का एक तरफ साथ मिला वहीं केरल के कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रेसिंडेट शिहाबुद्दीन करयात ने बयान देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के प्रतिबंध के चलते पार्टी के जिला मुख्यालयों पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जाएगी.

पिछले हफ्ते भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक या पोस्ट को सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. डॉक्यूमेंट्रीं में 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की जांच करने का दावा गया है. लेकिन भारत सरकार ने इसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया है. भारत सरकार ने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री में निष्पक्षता की कमी है और यह डॉक्यूमेंट्री में औपनिवेशिक मानसिक को दर्शाता है.

 

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