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“उद्धव ठहरे संत आदमी, कहाँ राजनीति में आ फँसे” – बातों-बातों में कोश्यारी का तंज

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल के बीच नए राज्यपाल रमेश बैस ने पदभार संभाला। इससे पहले भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें खुद इस पद से सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। इसी बीच भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई में एक शो में हिस्सा लिया। […]

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  • Last Updated: February 20, 2023 19:08:36 IST

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल के बीच नए राज्यपाल रमेश बैस ने पदभार संभाला। इससे पहले भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें खुद इस पद से सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। इसी बीच भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई में एक शो में हिस्सा लिया। यहाँ पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ महाराष्ट्र और एनसीपी के प्रमुख शरद पवार के बारे में खुलकर बात-चीत की। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को संत बताया है। यही नहीं, उन्होंने शरद पवार पर भी तंज कसा है।

 

क्या बोले भगत सिंह कोश्यारी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शो में भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, ”उद्धव ठाकरे राजनीति में कहाँ फँस गए हैं? वो तो एक संत व्यक्ति हैं। उन्होंने यह भी विस्तार से बताया कि ठाकरे कैसे एक संत व्यक्ति हैं। कोश्यारी ने कहा, ”उद्धव पाँच पेज का पत्र लिख रहे हैं… अगर वे ईमानदार व्यक्ति नहीं होते तो सज्जन व्यक्ति नहीं होते… यदि वो एक राजनेता होते तो क्या आप वह पत्र लेखन का काम करते?

 

शरद पवार पर भी कसा तंज

आपको बता दें, इस दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने माकपा प्रमुख का मजाक उड़ाया और कहा, शरद पवार विपक्ष में हैं। वो क्या पीएम मोदी से मेरी शिकायत करेंगे? शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी को कुछ और ही बताया होगा। दिल्ली में शरद पवार ने पीएम मोदी से खास मुलाकात की थी। उस समय उद्धव ठाकरे राज्य के CM थे तो वहीं भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे।

 

 

शिंदे गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न मिला

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने सोमवार को शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और यह भी आदेश दिया कि उसे धनुष और तीर का चुनाव चिन्ह दिया जाए। यह उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका है, जिनके पिता बालासाहेब ठाकरे ने 1966 में पार्टी की स्थापना की थी। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा था कि सभी राजनीतिक दलों को अपनी आंखें खुली रखनी चाहिए और चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

 

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