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अप्रैल में हो सकता है वायनाड उपचुनाव, Rahul की छुट्टी के साथ शुरू हुआ EC में मंथन

नई दिल्ली: राहुल गांधी की संसद सदस्यता जा चुकी है. बता दें, राहुल कांग्रेस से केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे. अब उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद वायनाड लोकसभा सीट खाली हो गई है. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव करवाने को लेकर एक बार फिर मंथन किया जा रहा है. जानकारी […]

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  • Last Updated: March 24, 2023 16:37:36 IST

नई दिल्ली: राहुल गांधी की संसद सदस्यता जा चुकी है. बता दें, राहुल कांग्रेस से केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे. अब उनकी सदस्यता रद्द होने के बाद वायनाड लोकसभा सीट खाली हो गई है. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव करवाने को लेकर एक बार फिर मंथन किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग वायनाड लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव का कार्यक्रम इसी साल अप्रैल में घोषित कर सकता है.

जल्द होंगे उपचुनाव

वायनाड में उपचुनाव करवाने को लेकर चुनाव आयोग ने अब चर्चा शुरू कर दी है. गौरतलब है कि चार साल पुराने मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए सूरत कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई थी. इसी सजा के बाद अब राहुल गांधी सांसदी से अयोग्य हो गए हैं. राहुल गांधी के संसद पद से जाने की अधिसूचना लोकसभा स्पीकर ने जारी कर दिया है. इसके अलावा राहुल गांधी को अपील दाखिल करने के लिए एक महीने की मोहलत भी दी गई है.

कोर्ट जा सकते हैं

भले ही राहुल गांधी की सदस्यता ख़त्म हो गई है लेकिन उनके सामने अपनी सदस्यता को बचाए रखने के सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. अभी भी वह सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकते हैं. लेकिन इससे उनकी सदस्यता वापस नहीं आ सकती है तब तक जब तक कोर्ट उनकी सजा पर स्टे नहीं लगा देता. बता दें, आठ साल तक वह कोई चुनाव भी नहीं लड़ सकते हैं. आने वाले लोकसभा चुनावों में उनकी सदस्यता छिन जाना पार्टी के लिए यकीनन बड़ी चुनौती होगी.

एक महीने का है समय

हाई कोर्ट यदि तत्काल लोकसभा स्पीकर के फैसले पर स्टे लगा देता है तो राहुल गांधी की सदस्यता वापस आ सकती है. इसके अलावा राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर सकते हैं यदि उन्हें हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है. हालांकि अदालत लोकसभा अध्यक्ष के किसी फैसले पर रोक लगाए इस बात की संभावना बेहद कम मानी जाती है. हालांकि उन्हें कोर्ट का जल्द से जल्द रुख करना होगा. राहुल गांधी की सदस्यता जाने के मामले में उनके पास महज 30 दिन का समय है. इस दौरान वह कोर्ट जाकर स्टे आर्डर ले सकते हैं नहीं तो उनकी सदस्यता वापस नहीं आएगी.

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