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आम जनता को मिली महंगाई से राहत, खुदरा दर में आई गिरावट

नई दिल्ली: महंगाई वो समस्या है जिसकी मार से सबसे ज़्यादा आम आदमी पर असर पड़ता है। लेकिन अब राहत की बात है कि खुदरा महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई। मार्च 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.66% थी, जो फरवरी में 6.44% थी। जबकि जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर […]

आम जनता को मिली महंगाई से राहत, खुदरा दर में आई गिरावट
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  • Last Updated: April 12, 2023 18:22:38 IST

नई दिल्ली: महंगाई वो समस्या है जिसकी मार से सबसे ज़्यादा आम आदमी पर असर पड़ता है। लेकिन अब राहत की बात है कि खुदरा महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज की गई। मार्च 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.66% थी, जो फरवरी में 6.44% थी। जबकि जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.52% थी। पिछले साल मार्च 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.95% थी। इस दौरान खाने पीने की चीज़ों की महंगाई दर में भी कमी की गई है. फरवरी 2023 फरवरी के मुकाबले मार्च में दूध और डेयरी उत्पादों की महंगाई दर में मामूली गिरावट दर्ज की गई। फरवरी में दूध की महंगाई दर 9.65% से गिरकर 9.31% हो गई।

 

 

➨ महंगे अनाज और दूध चिंता का सबब

 

आपको बता दें कि मार्च में अनाज और इससे जुड़े उत्पादों की महंगाई दर 15.27 फीसदी थी। फरवरी की तुलना में दूध और डेयरी उत्पादों की महंगाई दर में मामूली कमी आई है। फरवरी में दूध की महंगाई दर 9.65% से गिरकर 9.31% हो गई। लेकिन मसालों की महंगाई दर 18.21%, फलियों की महंगाई दर 4.33%, फलों की महंगाई दर 7.55% रही।

 

➨ महंगे पेट्रोल-डीजल से हमें कब राहत मिलेगी?

 

आपको बता दें, फरवरी 2022 के आखिरी हफ्ते में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में भारी उछाल देखने को मिला था। कच्चा तेल करीब 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो 2008 के बाद से कच्चे तेल की सबसे ऊंची कीमत थी। इस तेजी के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए, जिसके बाद देशभर के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम 100 रुपये के पार चले गए।

 

➨ तेल की बढ़ती कीमतें भी चिंता का विषय

 

लेकिन खुदरा महंगाई में भारी उछाल के बाद केंद्र सरकार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती करनी पड़ी। हालांकि, इस दौरान उच्च स्तर से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी आई थी इसलिए भारत ने रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल मंगाना शुरू किया।

 

लेकिन अब कीमतें गिरकर 70 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई हैं, पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। यहां भी विपक्ष के निशाने पर सरकार है। कुछ वक़्त पहले भारत राष्ट्र समिति के अंतरिम अध्यक्ष केटी रामाराव ने ट्वीट के जरिए महंगे पेट्रोल-डीजल के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है।

 

 

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