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Operation Kaveri: सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए शुरू किया गया ऑपरेशन कावेरी

नई दिल्ली: अफ्रीकी देश सूडान में इस समय गृह युद्ध (सिविल वॉर) की स्थिति बनी हुई है. सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी संघर्ष अब तक 400 से अधिक लोगों की जान ले चुका है. भारत समेत कई अन्य देशों के नागरिक इस समय सूडान में फंसे हुए हैं. भारत ने इस बीच सूडान […]

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  • Last Updated: April 24, 2023 17:20:08 IST

नई दिल्ली: अफ्रीकी देश सूडान में इस समय गृह युद्ध (सिविल वॉर) की स्थिति बनी हुई है. सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी संघर्ष अब तक 400 से अधिक लोगों की जान ले चुका है. भारत समेत कई अन्य देशों के नागरिक इस समय सूडान में फंसे हुए हैं. भारत ने इस बीच सूडान से अपने नागरिकों को निकालने और देश वापस लाने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ की शुरुआत की है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.

 

विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

नौसेना का आईएनएस सुमेधा जहाज और वायु सेना के दो सी-130 विमान इस समय सऊदी अरब और सूडान पहुंच चुके हैं जो वहां गृह युद्ध में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए रवाना हुए हैं. इस समय सऊदी अरब के जेद्दा में वायु सेना के जहाज तैनात हैं, जबकि सूडान बंदरगाह पर आईएनएस सुमेधा पहुंच गया है. इस बात की जानकारी खुद विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई है.

अन्य देशों ने भी चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर लिखा, “सूडान में फंसे हमारे नागरिकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन के तहत 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं जहां रास्ते में और भी भारतीय हैं जिन्हें घर वापस लाने के लिए हमारे जहाज और विमान तैयार हैं. भारत हमारे सभी भाइयों की सहायता के लिए सूडान में प्रतिबद्ध है.”बता दें, भारत के अलावा दुनिया के कई देश अपने नागरिकों को रेस्क्यू करने की शुरुआत कर चुके हैं. इनमें अमेरिका, ब्रिटेन समेत 9 देशों ने अब तक अपने राजनयिकों को रेस्क्यू भी कर लिया है.

तनाव ने संघर्ष का रूप ले लिया

बता दें कि सूडान की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच पिछले कई महीने से तनाव की स्थिति थी। साल 2021 में सूडान में तख्तापलट हुआ था। इसके बाद सशस्त्र बलों में एकीकरण को लेकर सेना और अर्धसैनिक बलों की सहमति नहीं बन पाई, जिसकी वजह से तनाव उत्पन्न हुआ। बाद में यह तनाव संघर्ष में तब्दील हो गया। बताया जा रहा है कि यह संघर्ष कई महीनों तक चल सकता है।

सूडान पर बढ़ा कूटनीतिक दबाव

संघर्ष को समाप्त करने के लिए सूडान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री, संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अरब लीग के प्रमुख, यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख और अफ्रीकी संघ आयोग के प्रमुख समेत कई शीर्ष राजनयिकों ने सेना और अर्धसैनिक बलों से इस जंग को खत्म करने की अपील की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा सूडान पर लोकतंत्र की बहाल करने का दबाव भी बनाया जा रहा है।

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