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Atiq Ahmed Murder: सीधे अस्पताल क्यों नहीं गई अतीक-अशरफ की गाड़ी? सुप्रीम कोर्ट का UP सरकार से सवाल

नई दिल्ली: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच की मांग से जुड़ी याचिका पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई की. दरअसल 15 अप्रैल को हुए दोहरे माफिया हत्याकांड की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है. […]

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  • Last Updated: April 28, 2023 15:46:29 IST

नई दिल्ली: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच की मांग से जुड़ी याचिका पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई की. दरअसल 15 अप्रैल को हुए दोहरे माफिया हत्याकांड की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है. इसी कड़ी में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की और उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल पूछा कि पुलिस अतीक और अशरफ को सीधे अस्पताल क्यों नहीं लेकर गई.

 

रेड क्यों करवाई जा रही थी? – SC

मामले में सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि माफिया भाइयों अतीक और अशरफ को ले जा रही गाड़ी सीधे अस्पताल क्यों नहीं गई? इस सवाल पर उत्तर प्रदेश सरकार ने जवाब दिया कि इस मामले की जांच के लिए उन्होंने एक आयोग नियुक्त किया है. इस दौरान मुकुल रोहतगी ने यूपी सरकार की ओर से शीर्ष अदालत के सामने पक्ष रखा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने पूरी घटना टीवी पर देखी है. जहां अतीक और अशरफ को गाड़ी से अस्पताल सीधे नहीं ले जाया गया था. आखिर उनकी परेड क्यों करवाई जा रही थी?

183 मुठभेड़ों की जांच की मांग

झांसी में अतीक के बेटे असद की पुलिस मुठभेड़ पर भी जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. बता दें, अतीक-अशरफ हत्याकांड के महज दो दिन पहले ही यूपी पुलिस की एक विशेष टास्क फोर्स (एसटी) टीम ने असद को मुठभेड़ में मार गिराया था. इसके दो दिन बाद यानी 15 अप्रैल को मीडियाकर्मी बनकर आए तीन बदमाशों ने अतीक और अशरफ को गोली मार दी थी.

ये घटना सवालों के घेरे में इसलिए भी है क्योंकि जब ये गोलीबारी हुई उस समय अतीक और अशरफ को पुलिस सुरक्षा के बीच स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया जा रहा था. सुप्रीम कोर्ट के वकील अधिवक्ता विशाल तिवारी ने इस मामले में जांच करने की याचिका दायर की है. इस याचिका में 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में हुई सभी 183 मुठभेड़ों की जांच की मांग की गई है. अब सुप्रीम कोर्ट में तीन हफ्ते बाद इस मामले की सुनवाई की जाएगी.

 

दाखिल की थी लेटर पिटिशन

बता दें इस हत्याकांड को लेकर पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटीशन दायर की थी. उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में CBI जांच की मांग की थी. याचिका में कहा गया था कि भले ही अतीक और अशरफ एक अपराधी हों लेकिन उनकी ह्त्या जिस तरह हुई उसके राज्य पोषित होने की संभावना है.

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