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‘मोका’ चक्रवात को लेकर पश्चिम बंगाल में अलर्ट, NDRF की 6 टीमें तैनात

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण पूर्व में मोका नाम का चक्रवात तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है। इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पड़ेगा, जिसे लेकर प्रशासन द्वारा सारी तैयारियां कर ली गई है। 130 किमी प्रति घंटा से आएगा मोका चक्रवात मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की […]

मोका चक्रवात
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  • Last Updated: May 11, 2023 10:13:48 IST

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण पूर्व में मोका नाम का चक्रवात तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है। इस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में पड़ेगा, जिसे लेकर प्रशासन द्वारा सारी तैयारियां कर ली गई है।

130 किमी प्रति घंटा से आएगा मोका चक्रवात

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में पनप रहा गहरा दबाव आज साइक्लोन मोका में तब्दील हो जाएगा और 12 मई की दोपहर तक बेहद प्रचंड रूप ले लेगा। साइक्लोन का लैडफॉल 14 मई की सुबह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के क्यूकफ्यू में सबसे पहले पहुंचेगा, इस दौरान मोका की अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा रहेगा। हालांकि बंगाल पर इसका असर कितना पड़ेगा, ये अभी साफ नहीं हो पाया है। लेकिन बंगाल सरकार ने अभी से तटवर्ती इलाकों में तैयारी शुरू कर दी है। प्रशासन को जरूरी बंदोबस्त करने को कहा गया है।

NDRF की 6 टीमें तैनात

इसके अलावा पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की 6 टीमों को तैनात किया गया है। जो पूर्व मिदनापुर के रामनगर 1 ब्लॉक, रामनगर 2, हल्दिया, दक्षिण 24 परगना के गोसाबा कुलतली, काकद्वीप, उत्तर 24 परगना के हिंगलगंज और संदेशखाली में तैनात रहेंगी। साथ ही कोस्ट गार्ड की टीम भी हाई अलर्ट पर है और कोस्ट गार्ड डिजास्टर रिलीफ टीम का गठन किया गया है, जो उड़ीसा और बंगाल के तटवर्ती इलाकों में सक्रिय हो गई है।

कैसे पड़ा ‘मोका’ नाम?

बता दें, इस शक्तिशाली तूफान को ‘मोका’ नाम मिडिल ईस्ट एशिया के एक देश यमन ने दिया है। ‘मोका’ यमन का एक शहर है, जिसे मोखा भी कहते हैं। ये शहर अपने कॉफी व्यापार के लिए जाना जाता है। इसी के नाम पर ‘मोका कॉफी’ का भी नाम पड़ा है।