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Patna Opposition Meeting: विपक्षी बैठक में शामिल होने के लिए पटना पहुंची महबूबा मुफ्ती

Patna Opposition Meeting, Inkhabar। पटना में कल विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। विपक्षी एकता को लेकर होने वाली इस बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पटना पहुंच चुकी है। पटना एयरपोर्ट पर बिहार सरकार की मंत्री शीला मंडल ने महबूबा मुफ्ती को रिसीव करने के लिए […]

Patna Opposition Meeting: विपक्षी बैठक में शामिल होने के लिए पटना पहुंची महबूबा मुफ्ती
inkhbar News
  • Last Updated: June 22, 2023 11:24:12 IST

Patna Opposition Meeting, Inkhabar। पटना में कल विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। विपक्षी एकता को लेकर होने वाली इस बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पटना पहुंच चुकी है। पटना एयरपोर्ट पर बिहार सरकार की मंत्री शीला मंडल ने महबूबा मुफ्ती को रिसीव करने के लिए पहुंची। इस दौरान जेडीयू के कई कार्यकर्ता भी एयरपोर्ट पहुंचे हुए थे। एयरपोर्ट से महबूबा मुफ्ती सीधे राजकीय अतिथिशाला जाएंगी।

लालू ने नीतीश कुमार से की मुलाकात

इससे पहले बुधवार की रात लालू यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। जानकारी के अनुसार विपक्षी दलों की बैठक की तैयारियों का जायजा लेने के लिए लालू यादव सीएम हाउस पहुंचे थे। लालू करीब आधे घंटे तक सीएम आवास में रहे।

ब्रजेश पाठक ने विपक्षी एकता पर किया प्रहार

बिहार में होने वाली विपक्ष की बैठक पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने हमला बोला है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि विपक्षी पार्टियों का होने वाला ये जमावड़ा पूरी तरह से फ्लॉप शो साबित होने वाला है। बीजेपी देश के लिए लगातार काम कर रही है। ये लोग कुर्सी के लिए काम कर रहे है। ये औंधे मुंह गिरेंगे।

बीजेपी के खिलाफ बनेगी रणनीति

बता दें, पटना में होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ रणनीति तैयार होगी। पिछले दो लोकसभा चुनाव में हार का सामना कर रही कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां इस मीटिंग में भाजपा को हराने की लिए फॉर्मूला तैयार करेगी। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार, ममता बनर्जी समेत कई नेताओं का मानना है कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष का सिर्फ एक उम्मीदवार होने से भगवा पार्टी को हराया जा सकता है। इसे लेकर सभी पार्टियां सहमत होंगी इस पर संशय है। क्योंकि कई क्षेत्रीय पार्टियां अपने-अपने राज्यों में कांग्रेस की विरोधी है। ऐसे में कौन कितना समझौता करता है इस पर ही गठबंधन का भविष्य निर्भर है।