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Titanic को डूबे हो चुके हैं 112 साल, जानिए कैसे गहरे समुद्र में समाया था कभी नहीं डूबने वाला जहाज

नई दिल्ली. टाइटैनिक का मलबा देखने गई पनडुब्बी लापता हो गई है. इस पनडुब्बी में 5 अरबपति सवार थे. पनडुब्बी के गायब होने की खबर के बीच एक बार फिर सबके जुबान पर टाइटैनिक जहाज आ रहा है. टाइटैनिक को गहरे समुंद्र में समाए पूरे 112 साल हो चुके हैं. जब टाइटैनिक को बनाया गया […]

Titanic को डूबे हो चुके हैं 112 साल, जानिए कैसे गहरे समुद्र में समाया था कभी नहीं डूबने वाला जहाज
inkhbar News
  • Last Updated: June 22, 2023 17:51:42 IST

नई दिल्ली. टाइटैनिक का मलबा देखने गई पनडुब्बी लापता हो गई है. इस पनडुब्बी में 5 अरबपति सवार थे. पनडुब्बी के गायब होने की खबर के बीच एक बार फिर सबके जुबान पर टाइटैनिक जहाज आ रहा है. टाइटैनिक को गहरे समुंद्र में समाए पूरे 112 साल हो चुके हैं. जब टाइटैनिक को बनाया गया था, तो कहा गया था कि ये कभी नहीं डूबने वाली जहाज है. लेकिन अपने पहले ही सफर में टाइटैनिक डूब गया और मानव इतिहास में पानी के जहाज डूबने की सबसे बड़ी त्रासदी बन गई. आइए जानते हैं कि टाइटैनिक जहाज के डूबने के पीछे क्या कारण हैं.

बड़े आइसबर्ग से टकराकर डूबा था टाइटैनिक जहाज

14 अप्रैल साल 1912 में उस समय दुनिया की सबसे बड़ी पानी की जहाज टाइटैनिक अपने पहले सफर पर निकला. इस जहाज पर हजारों लोग सवार थे. जहाज इंग्लैंड के साउथ कैप्टन से अमेरिका की न्यूयार्क की ओर बढ़ रही थी. अटलांटिक महासागर में अंधेरी रात के वक्त टाइटैनिक एक बड़े आइसबर्ग यानी हिमखंड से टकरा गया. हादसे के वक्त जहाज की रफ्तार 41 किलोमीटर प्रति घंटे की थी. अपने सफर की शुरुआत के मात्र 3 घंटे के अंदर ही टाइटैनिक हादसे का शिकार हो गया.

दुनिया के सबसे बड़े समुद्री हादसे में करीब 1500 मौतें

बता दें कि जिस जहाज के लिए कहा जाता था कि ये कभी डूब नहीं सकता, वो गहरे पानी में डूब गया. इस दर्दनाक हादसे में 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। टाइटैनिक के डूबने को कुल 112 साल बीच चुके हैं, लेकिन ये आज भी ये दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा समुद्री हादसा माना जाता है. इस अप्रिय घटना को 110 साल बीत जाने के बाद भी कई रहस्य अभी बने हुए हैं.

जहाज के दोनों हिस्सों के बीच 800 मीटर की दूरी

हादसे के बाद टाइटैनिक जहाज के अवशेषों को साल 1985 में हटाया गया था. गौरतलब है कि जहाज का मलबा कनाडा से 650 किलोमीटर की दूरी पर और समुद्र तल से 3,853 मीटर की गहराई में मिले. जब जहाज के मलबो को ढूंढा गया तो ये दो हिस्सो मं बंटा था. वहीं टाइटैनिक जहाज का एक हिस्सा दूसरे हिस्से से करीब 800 मीटर की दूरी पर था.