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अगले 15 सालों में ख़त्म हो जाएगी टाइटैनिक, मलबे को चट कर देगा बैक्टीरिया

नई दिल्ली: अटलांटिक महासागर के तल में टाइटैनिक जहाज का मलबा करीब 110 साल से पड़ा हुआ है जो एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल टाइटैनिक के मलबे का पता लगाने गई टाइटन पनडुब्बी के लापता होने के बाद से ये जहाज सुर्खियों में बना हुआ है. इस पनडुब्बी में फंसे पांच अरबपतियों की […]

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  • Last Updated: June 23, 2023 06:49:47 IST

नई दिल्ली: अटलांटिक महासागर के तल में टाइटैनिक जहाज का मलबा करीब 110 साल से पड़ा हुआ है जो एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल टाइटैनिक के मलबे का पता लगाने गई टाइटन पनडुब्बी के लापता होने के बाद से ये जहाज सुर्खियों में बना हुआ है. इस पनडुब्बी में फंसे पांच अरबपतियों की जान जा चुकी है. इसी बीच विशेषज्ञों ने टाइटैनिक के मलबे को लेकर एक अहम आकलन जारी किया है. विशेषज्ञों की मानें तो अगले 15 सालों में समुन्द्र में मौजूद बैक्टीरिया इस पूरे जहाज के मलबे को ख़त्म कर देगा.

धीरे-धीरे बढ़ रहा है हेलोमोनास

बता दें, 15 अप्रैल 1912 को अटलांटिक महासागर में चट्टान से टकराने के बाद टाइटैनिक जहाज क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके बाद ये समुद्र में डूब गया था. इसमें करीब 1,517 लोग सवार थे. इस सालों पुराने जहाज को लेकर इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सिस्टमैटिक एंड इवोल्यूशनरी माइक्रोबायोलॉजी के साल 2010 के अंक में कनाड और स्पेन के शोधकर्ताओं ने समुंद्री बैक्टीरिया का ज़िक्र किया था जिसकी चर्चा आज फिर होने लगी है. इस बैक्टीरिया का नाम हेलोमोनास है जिसके टीले जहाज की स्टील की सतहों पर विकसित हो चुके हैं. जैसे-जैसे इसकी पकड़ फैलती जाएगी वैसे-वैसे टाइटैनिक का मलबा नष्ट होता जाएगा.

शोध में हुआ खुलासा

1985 में हुए एक शोध के अनुसार न्यूफ़ाउंडलैंड, कनाडा से करीब 329 मील दक्षिण-पूर्व में और समुद्र की सतह से करीब दो मील नीचे टाइटैनिक के मलबे की खोज हुई थी जो उस समय खराब हो चुका था. बता दें, ये जहाज 50,000 टन लोहे का बना है जो नाटकीय रूप से टक्कर के बाद दो भागों में अलग-अलग हो गया था. दोनों भागों में करीब 2000 फ़ीट की दूरी थी. डिस्कवरी न्यूज के अनुसार ये बैक्टीरिया की नई प्रजाति है जो लौह पदार्थों को नष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम है. इस प्रकार जंग के अंदर और भी कई प्रजातियों के होने का अनुमान लगाया जा रहा है जो धीरे-धीरे इस जहाज को नष्ट कर रही हैं.