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Video: IIT Kanpur ने 5 हजार फीट की ऊंचाई पर क्लाउड सीडिंग से कराई कृत्रिम बारिश

IIT Kanpur, Inkhabar। आईआटी कानपुर ने 23 जून को क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराने के ट्राइल में सफलता हासिल की है। इस परियोजना का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया है। 5 हजार फीट में हुआ ट्रायल  बता दें, इस समय उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का सूखाग्रस्त […]

Video: IIT Kanpur ने 5 हजार फीट की ऊंचाई पर क्लाउड सीडिंग से कराई कृत्रिम बारिश
inkhbar News
  • Last Updated: June 24, 2023 12:24:00 IST

IIT Kanpur, Inkhabar। आईआटी कानपुर ने 23 जून को क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराने के ट्राइल में सफलता हासिल की है। इस परियोजना का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया है।

5 हजार फीट में हुआ ट्रायल

 बता दें, इस समय उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का सूखाग्रस्त इलाका हो या अलग-अलग जिलों में बढ़ता प्रदूषण अब इससे छुटकारा पाने के लिए लोगों को बारिश होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बीते सोमवार को डीजीसीए की अनुमित के बाद आईआईटी कानपुर ने पांच हजार फीट के ऊपर कृत्रिम बारिश का ट्रायल किया जिसमें संस्थान को सफलता मिल चुकी है। आईआईटी ने सेना के प्लेन में क्लाउड सीडिंग का अटैचमेंट लगाकर केमिकल का छिड़काव किया है।

2017 से प्रोजेक्ट को लेकर चल रहा काम

ट्रायल के दौरान 15 मिनट तक प्लेन संस्था के ऊपर ही चक्कर लगाता रहा। जिससे कृत्रिम बादल बन गए। इस दौरान बारिश नहीं हुई क्योंकि इसके लिए फ्लेयर्स को फायर नहीं किया गया था। आईआईटी कानपुर में क्लाउड सीडिंग का ये प्रोजेक्ट 2017 से चल रहा है। इसके बाद बीच में कोरोना आने के बाद प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका था। लेकिन कोरोनाकाल के बाद इसको लेकर काम फिर शुरू किया गया था। 

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के नेतृत्व में मिली सफलता

 इस परियोजना का नेतृत्व कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने किया परियोजना की सफलता को लेकर अग्रवाल ने बताया कि आईआईटी कानपुर में एक अनोखा प्रयोग किया गया है, जिसमें क्लाउड सीडिंग के लिए परीक्षण उड़ान का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है। इस परीक्षण के लिए सेना एयरक्राफ्ट के प्लेन के पंखों में डिवाइस लगाई गई, जिससे केमिकल का छिड़काव किया गया था।

 प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि इस परीक्षण के दौरान बारिश तो नहीं हुई, क्योंकि हमारी ओर से इस परीक्षण के दौरान बादलों में फ्लेयर्स को फायर नहीं किया गया था। ये उपकरण के लिए एक ट्रायल था, लेकिन ये टेस्टिंग सफल रही। अब हम अगले चरणों में क्लाउड सीडिंग चलाने के लिए तैयार हैं।