नई दिल्लीः अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा ना होने की बात कही थी. एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी से अगर वह बात करते तो वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में बातचीत करते. दरअसल हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के लिए अमेरिका के दौरे पर गए थे जहां उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की. अब पूर्व राष्ट्रपति की इस टिप्पणी को लेकर USCIRF के पूर्व कमिश्नर ने भी उन्हें नसीहत दी है.
USCIRF के पूर्व कमिश्नर ने भी ओबामा की इस टिप्पणी पर कहा है कि उन्हें भारत की बुराई करने के बजाय उसकी तारीफ करने पर ज़्यादा ऊर्जा खर्च करनी चाहिए. यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF) के पूर्व आयुक्त जॉनी मूर ने ओबामा की इस टिप्पणी पर कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को भारत की आलोचना करने की जगह तारीफ करने पर अपनी ऊर्जा खर्च करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा भारत को मानव इतिहास में सबसे अधिक विविधताओं से भरा हुआ देश बताया. उन्होंने आगे कहा कि यह (भारत) एक परफेक्ट देश नहीं है लेकिन इसकी विवधता ही इसकी अपनी ताकत है.
जॉनी मूर ने आगे कहा कि ओबामा इस तरह की आलोचना के बाद कोई मदद नहीं कर सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी की तारीफ कर सकते हैं. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि वह उनके बीच उनके साथ रहते हैं.
दरअसल पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को पीएम मोदी से बातचीत के दौरान मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाने की बात कही थी. इस दौरान ओबामा ने कहा था कि यदि उनकी बातचीत पीएम मोदी से होती है, तो भारत में वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चर्चा करेंगे. ओबामा ने आगे कहा कि यदि उनकी रक्षा की बात नहीं हुई तो अल्पसंख्यकों का क्या होगा?