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Pension for Unmarried: अविवाहित अधेड़ कुंवारों को खट्टर सरकार देगी पेंशन, मिलेंगे इतने रुपए

चंडीगढ़: जल्द ही हरियाणा सरकार राज्य में कुंवारों के लिए पेंशन योजना लेकर आ रही है. खट्टर सरकार ने इसका ऐलान किया है जहां राज्य के अधेड़ उम्र के कुंवारे लोगों को हर महीना पेंशन देने जा रही है. इसमें केवल 45 साल से 60 साल वाले वर्ग के कुंवारे लोगों को जोड़ा गया है […]

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  • Last Updated: July 4, 2023 18:36:12 IST

चंडीगढ़: जल्द ही हरियाणा सरकार राज्य में कुंवारों के लिए पेंशन योजना लेकर आ रही है. खट्टर सरकार ने इसका ऐलान किया है जहां राज्य के अधेड़ उम्र के कुंवारे लोगों को हर महीना पेंशन देने जा रही है. इसमें केवल 45 साल से 60 साल वाले वर्ग के कुंवारे लोगों को जोड़ा गया है जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों तरह की आबादी शामिल है. आइए जानते हैं कि सरकार इस आबादी को कितने रुपए प्रतिमाह देगी.

 

इन लोगों को मिलेगा फायदा

 

जानकारी के अनुसार ऐसे लाभार्थियों को 2750 रुपए प्रतिमाह देने की योजना बनाई गई है. एक अनुमान के अनुसार हरियाणा में इस वर्ग में 2 लाख से अधिक लोग शामिल है. यदि ऐसा है तो राज्य सरकार पर करोड़ों का खर्च बढ़ सकता है. दरअसल इस ऐलान के पीछे का एक दिलचस्प किस्सा ये है कि जब सीएम खट्टर लोगों की समस्या सुन रहे थे तभी एक 60 वर्षीय अविवाहित व्यक्ति ने उनसे उसकी वृद्ध पेंशन ना होने की शिकायत की. इस पर सीएम खट्टर ने कुंवारे लोगों को भी पेंशन देने की योजना बनाई.

लिंगानुपात या सियासी दाव?

हरियाणा सरकार के इस ऐलान को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. एक अनुमान के अनुसार राज्य में कुंवारे और 45-60 वर्षीय लोगों की संख्या ढाई लाख के करीब हो सकती है. ऐसे में राज्य सरकार को आगामी चुनाव के लिए अच्छा खासा वोट बैंक मिल सकता है. दूसरी ओर इस पेंशन योजना को हरियाणा के खराब लिंगानुपात से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि पिछले एक दशक में राज्य के लिंगानुपात में काफी सुधार भी आया है जो 2011 में 879 से 917 हो गया है. इसके बावजूद अविवाहित पुरुषों की संख्या में वृद्धि हुई है.

बता दें, हरियाणा की गिनती उन प्रदेशों में होती है जहां के युवक दूसरे राज्य की लड़कियों से शादी करने पर मजबूर हैं. हरियाणा में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, असम और पश्चिम बंगाल यहां तक की नेपाल से भी शादी करने के लिए लड़कियां लाई जाती हैं. इस तरह दूसरे राज्यों से लाई गई दुल्हनों की संख्या लगभग डेढ़ लाख आंकी गई है.