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NDA में शामिल हुए ओमप्रकाश राजभर, UP की किन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है सुभासपा

लखनऊ: सुभासपा और भाजपा के गठबंधन की अटकलों को विराम देते हुए शनिवार को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. रविवार को अमित शाह ने ओपी राजभर को NDA में शामिल होने की बधाई भी दी है. सुभासपा और भाजपा के गठबंधन से समाजवादी पार्टी को […]

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  • Last Updated: July 16, 2023 10:39:43 IST

लखनऊ: सुभासपा और भाजपा के गठबंधन की अटकलों को विराम देते हुए शनिवार को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. रविवार को अमित शाह ने ओपी राजभर को NDA में शामिल होने की बधाई भी दी है. सुभासपा और भाजपा के गठबंधन से समाजवादी पार्टी को करारा झटका लगा है. अभी सपा विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफे से उभर भी नहीं पाई थी कि उसे ओपी राजभर ने बड़ा झटका दे दिया है.

इन सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

दरअसल शनिवार को ओपी राजभर ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. ये मुलाकात करीब पौन घंटे चली थी जिस दौरान राजभर के बड़े पुत्र डॉ. अरविंद राजभर के अलावा केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी मौजूद रहे. अब एनडीए में उनके शामिल होने की आधिकारिक घोषणा भी हो चुकी है जिसके बाद एक सवाल ये भी उठ रहा है कि ओपी राजभर लोकसभा चुनावों में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.

राजभर ने रखी ये शर्त

बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को लेकर राजभर ने अमित शाह के सामने तीन सीटों की मांग रखी थी. इनमें से दो सीटें यूपी में और एक बिहार में हैं. हालांकि बिहार की सीट को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन उत्तर प्रदेश की दोनों सेटों को लेकर लगभग सहमति बन गई है. इन दोनों सीटों में गाज़ीपुर और घोसी सीट शामिल हैं. जानकारी के अनुसार राजभर ने भाजपा के सामने इन सीटों से अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने की शर्त रखी है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि राजभर ने गाज़ीपुर सीट से अपने बेटे अरुण राजभर को चुनाव लड़ाने का प्रस्ताव भी केँद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा है.

 

योगी सरकार में वापसी

साल 2017 से वह जहूराबाद से विधायक रह चुके हैं. 19 मार्च 2017 में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और विकलांग जन विकास विभाग के मंत्री बने लेकिन 20 मई 2019 को गठबंधन विरोधी गतिविधियों के कारण राजभर को बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद साल 2022 में उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. सुभासपा 17 सीटों पर उतरी थी जिसमें से वह केवल 6 ही सीट जीत पाए. लेकिन 2022 में योगी सरकार की वापसी हुई जिसके बाद से ओपी राजभर को अखिलेश यादव पर हमला करते देखा जा सकता है. ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में सपा अध्यक्ष को लेकर कहा था कि अखिलेश यादव अपने नवरत्नों से घिरे रहते हैं जहां उनका एसी से बाहर ना निकलना आजमगढ़ उपचुनाव में हार का सबसे बड़ा कारण था.