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मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक घटना पर गुस्साए Ashutosh Rana, कही ये बात

मुंबई: मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने का मामला सामने आया है। इस खौफनाक घटना के वायरल वीडियो ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. वहीं इस हैवानियत भरी घटना के सामने आने के बाद गुस्से में आग बबूला हो रहे लोग सोशल मीडिया पर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई […]

Ashutosh Rana on Manipur Violence
inkhbar News
  • Last Updated: July 20, 2023 13:35:28 IST

मुंबई: मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने का मामला सामने आया है। इस खौफनाक घटना के वायरल वीडियो ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. वहीं इस हैवानियत भरी घटना के सामने आने के बाद गुस्से में आग बबूला हो रहे लोग सोशल मीडिया पर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इसी के चलते बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार के साथ इंडस्ट्री के कई सेलेब्स ने भी इस दिल दहला देने वाली घटना पर गुस्सा जाहिर किया है. वहीं अब आशुतोष राणा ने भी इस हैवानियत भरी घटना पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

मणिपुर मामले पर आशुतोष राणा ने कही ये बात

मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हैवानियत भरी घटना पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा ने ट्वीट कर एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया है. जिसमें एक्टर ने लिखा है कि इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसका भुगतान संपूर्ण मनुष्य जाति को चुकाना पड़ा है. जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के 4 चरण होते हैं ‘लोकतंत्र’ के भी वैसे ही विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और पत्रकारिता रूपी 4 चरण होते हैं. इस ट्वीट में आशुतोष राणा ने आगे कहा कि लोकतंत्र के इन ही चारों स्तंभों को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा, तब ही वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रकोप के ताप से मुक्त कर पाएंगे.

स्त्री का शोषण पूरी मानवता पर कलंक- आशुतोष

इस ट्वीट को शेयर कर आशुतोष राणा ने आगे लिखा कि अब वक्त आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस और मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक तौर पर उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है. उन्होंने आगे लिखा कि सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, संवर्धन, पोषण के लिए वचनबद्ध हैं. हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान.. आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की तरह है.