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उत्तर प्रदेश: भगवती लोहार के सारस का परिवार बना पूरा गांव, आरिफ की कहानी याद आई

लखनऊ: आरिफ जैसी एक और कहानी सामने आयी है जहां एक सारस की दोस्ती ने सब गांव वालों को अपना साथी बना लिया है. सारस सभी गांव वालों की तरह खुद को भी उनके परिवार का सदस्य मानता है. भगवती का सारस उत्तर प्रदेश के अमेठी से आरिफ और सारस की बेमिसाल दोस्ती की कहानी […]

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  • Last Updated: July 20, 2023 14:41:06 IST

लखनऊ: आरिफ जैसी एक और कहानी सामने आयी है जहां एक सारस की दोस्ती ने सब गांव वालों को अपना साथी बना लिया है. सारस सभी गांव वालों की तरह खुद को भी उनके परिवार का सदस्य मानता है.

भगवती का सारस

उत्तर प्रदेश के अमेठी से आरिफ और सारस की बेमिसाल दोस्ती की कहानी हम सभी को अच्छे से याद है, जहाँ एक घायल सारस की सहायता करने पर आरिफ और सारस की घनिष्ठ मित्रता हो गयी थी. इसी प्रकार इन दिनों एक सारस की भगवती नाम के व्यक्ति से दोस्ती की कहानी चर्चा में है. बस्ती में एक सारस वहां के बुजुर्ग भगवती लोहार से दोस्ती कर गांव को अपना ठिकाना मान सबके साथ अच्छे से रहता है. सारस को भगवती गांव का एक सदस्य मानता है. गांव वालों के अनुसार सारस बस्ती मई सबके घर जाता है लेकिन चाचा भगवती से उसका विशेष लगाव है.
सभी गांव वाले बोहोत चाव से सारस को खाना खिलते हैं. सारस इस वक्त लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. गांव वालों से अचे से घुल मिल जाने पर सारस बड़े आनंद से वह रहता है.

सारस के जन्म कहानी

गांव वाले रस के जन्म की कहानी को बड़ा रोचक बताते हैं. गांव के नजदीक ईंट के भट्टे पर काम कर रहे मज़दूरों को 2 अंडे मिले, उन्हें लगा यह किसी बत्तख के अंडे हैं. अड्डों के फूटने पर उसमे से सारस के बचे निकले. गांव वालों ने ही उनकी देख रेख की और आज वह बड़े हो गए हैं.

वन विभाग अधिकारीयों द्वारा जांच

सारस और चाचा भगवती की दोस्ती के बारे में डीएफओ नवीन शाक्य को पता चलने पर उन्होंने जांच शुरू कर दी. सारस एक राजकीय पक्षी होने की वजह से कोई उसे पाल नहीं सकता. इस परिस्थिति में सारस अपनी मर्जी से गांव वालों के साथ रह रहा है. डीएफओ नवीन शाक्य के अनुसार अगर कोई सारस को पकड़ने या पलने की कोशिश करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.