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केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में याचिका, आरटीआई से बाहर रहे राजनीतिक दल

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय राजनीतिक दलों को पारदर्शिता कानून के तहत लाने का निर्देश देने की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा हैं केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि आरटीआई के दायरे में लाने के लिए सीआईसी के फैसले का उपयोग उच्चतम न्यायालय से आदेश लेने के लिए नहीं […]

केंद्र सरकार का सुप्रीम कोर्ट में याचिका, आरटीआई से बाहर रहे राजनीतिक दल
inkhbar News
  • Last Updated: July 25, 2023 20:30:14 IST

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय राजनीतिक दलों को पारदर्शिता कानून के तहत लाने का निर्देश देने की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा हैं केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि आरटीआई के दायरे में लाने के लिए सीआईसी के फैसले का उपयोग उच्चतम न्यायालय से आदेश लेने के लिए नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार ने यह भी दलीलें दी की आदेश का इस्तेमाल उच्चतम न्यायालय से रीट मांगने के लिए नही किया जा सकता। ।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा सरकार का पक्ष

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से पेश होते हुए यह दलीलें दी की आरटीआई के दायरे में लाने के लिए सीआईसी के फैसले का उपयोग उच्चतम न्यायालय से आदेश लेने के लिए नहीं किया जा सकता। वहीं विधि अधकारी ने कहा कि सीआईसी के आदेश का इस्तेमाल राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए परमादेश मांगने के लिए नहीं किया जा सकता।

माकपा की तरफ से पेश हुए वकील पीवी दिनेश

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से पेश वकील पीवी दिनेश ने कहा कि पार्टी को वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के संबंध में आरटीआई पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इस बारे मे आग्रह नही किया जा सकता कि उम्मीदवार का चयन क्यों किया गया। एक गैर सरकारी संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सीआईसी ने 2013 में आदेश पारित किया था की सभी राजनीतिक दलों को पारदर्शिता के साथ कर छूट और सरकार से भूमि जैसे लाभ प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए।