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नेट न्यूट्रलिटी विवाद: समिति की रिपोर्ट के बाद फैसला

नेट न्यूट्रैलिटी पर विवाद गहराता ही जा रहा है कल एयरटेल के  जीरो प्लान से फ्लिपकार्ट के किनारा कसने के बाद  एयरटेल ने अपने प्लान को लकेर प्रेस रिलीज जारी की और बताया कि एयरटेल नेट न्यूट्रैलिटी के महत्व को ना सिर्फ समझता है बल्कि उसका समर्थन भी करता है. आज इस पूरे वाकया पर दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, नेट न्यूट्रलिटी (नेट निरपेक्षता) के मुद्दे पर एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया है. कमिटी मई के दूसरे हफ्ते तक अपनी रिपोर्ट दे सकती है.
 

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  • Last Updated: April 15, 2015 03:26:37 IST

नई दिल्ली. नेट न्यूट्रैलिटी पर विवाद गहराता ही जा रहा है कल एयरटेल के  जीरो प्लान से फ्लिपकार्ट के किनारा कसने के बाद  एयरटेल ने अपने प्लान को लकेर प्रेस रिलीज जारी की और बताया कि एयरटेल नेट न्यूट्रैलिटी के महत्व को ना सिर्फ समझता है बल्कि उसका समर्थन भी करता है. आज इस पूरे वाकया पर दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, नेट न्यूट्रलिटी (नेट निरपेक्षता) के मुद्दे पर एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया है. कमिटी मई के दूसरे हफ्ते तक अपनी रिपोर्ट दे सकती है.
 
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, ‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) इस मुद्दे पर गहरी विचार विमर्श मे लगा हुआ है. उसकी रिपोर्ट का इंतजार है. प्रसाद ने कहा, ‘ट्राई एक सलाहकार निकाय है. उनकी सलाह का निश्चित रूप से सम्मान होगा. हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.’
 
क्या है नेट न्यूट्रलिटी
नेट न्यूट्रलिटी का मतलब है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की ओर से बिना भेदभाव के सभी वेबसाइट पर जाने की आजादी देना. यानी फोन लगने पर आप जिस तरह किसी भी नंबर पर कॉल कर सकते हैं उसी तरह इंटरनेट प्लान लेने पर किसी भी वेब बेस्ड सर्विस तक पहुंच बिना किसी इंटरनेट डेटा भेदभाव के एक्सेस करना.  टेलिकॉम कंपनियां इसे खत्म करना चाहती हैं. टेलीकॉम नियामक एजेंसी ‘ट्राई’ ने आम लोगों से ‘नेट न्यूट्रैलिटी’ या ‘नेट तटस्थता’ पर राय मांगी है.
 

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