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इजरायल हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्टैंड के बाद जयशंकर की प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यदि भारत दूसरे देशों पर असर डालने वाले आतंकवाद को गंभीर नहीं मानता तो फिर उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं होती। उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब इजराइल-हमास के बीच युद्ध चल रहा है और भारत ने इजराइल में युद्ध विराम पर संयुक्त राष्ट्र […]

jaishankar
inkhbar News
  • Last Updated: October 30, 2023 11:33:08 IST

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यदि भारत दूसरे देशों पर असर डालने वाले आतंकवाद को गंभीर नहीं मानता तो फिर उसकी कोई विश्वसनीयता नहीं होती। उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब इजराइल-हमास के बीच युद्ध चल रहा है और भारत ने इजराइल में युद्ध विराम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया है।

सतत स्थिति बनाए रखने की जरूरत

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हैं क्योंकि हम आतंकवाद के पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कोई विश्वसनीयता नहीं होगी यदि हम यह कहें कि जब आतंकवाद हम पर प्रभाव डालता है तो यह गंभीर है और जब यह किसी अन्य के साथ होता है तो ये गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें एक सतत स्थिति बनाए रखने की आवश्यकता है।

भोपाल में बोले एस जयशंकर

भोपाल में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए जयशंकर ने भारत के विभिन्न विदेशी मामलों के रुख के बारे में बताया और कहा कि जिस तरह घर में सुशासन जरूरी है, वैसे ही विदेश में भी सही निर्णय जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि मैं आपको यूक्रेन का उदाहरण दूंगा। मुझे पता है कि इस बात पर बहुत ध्यान दिया गया था कि रूस से तेल खरीदने के अपने अधिकार के बारे में हमने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि लेकिन मैं चाहता हूं कि आप सोचें, अगर हम दबाव में झुक गए होते और यदि हमने यह विकल्प नहीं अपनाया होता, तो सोचिए कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत कितनी ज्यादा होती।

आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में भारत

संयुक्त राष्ट्र के वोटिंग में, हमास की निंदा पर एक टेक्स्ट शामिल करने के लिए प्रस्ताव में संशोधन करने के कनाडा के प्रस्ताव का भारत ने समर्थन किया। चूंकि इस प्रस्ताव को नहीं अपनाया गया, इसलिए भारत ने मतदान में भाग नहीं लिया। संयुक्त राष्ट्र में उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि आतंकवाद एक घातक बीमारी है तथा इसकी कोई सीमा, राष्ट्र या नस्ल नहीं होती है।