Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Sahara shri: पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत रॉय, जानें क्यों नहीं पहुचें दोनों बेटे

Sahara shri: पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत रॉय, जानें क्यों नहीं पहुचें दोनों बेटे

Sahara shri: पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत रॉय, जानें क्यों नहीं पहुचें दोनों बेटे नई दिल्लीः सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय पंचत्तव में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार उनके पोते ने किया। उनके अंतिम संस्कार में उनके दोनों बेटे मौजूद नहीं थे। बता दें कि सुब्रत रॉय के दोनों बेटे सीमांतो और सुशांतो मेसेडोनिया में […]

Sahara shri: पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत रॉय, जानें क्यों नहीं पहुचें दोनों बेटे
inkhbar News
  • Last Updated: November 16, 2023 22:13:38 IST

Sahara shri: पंचतत्व में विलीन हुए सुब्रत रॉय, जानें क्यों नहीं पहुचें दोनों बेटे
नई दिल्लीः सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय पंचत्तव में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार उनके पोते ने किया। उनके अंतिम संस्कार में उनके दोनों बेटे मौजूद नहीं थे। बता दें कि सुब्रत रॉय के दोनों बेटे सीमांतो और सुशांतो मेसेडोनिया में रहते है। उनके पार्थिव शरीर को लखनऊ के भैंसाकुड लाया गया था। जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राज बब्बर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहें।

क्यों नहीं पहुंचे दोनो बेटे

सुब्रत रॉय गुरुवार यानी 16 अक्टूबर को पंचत्तव में हो गए। उन्हें मुखाग्नि उनके पोते ने दी। बता दें कि उनके अंतिम संस्कार में उनके दोनों बेटे मौजूद नहीं थे। सुब्रत रॉय के दोनों बेटे सीमांतो औस सुशांतो मेसेडोनिया में रहते है। सेबी और अन्य वित्तीय एजेंसीयों की नजर उनके बेटो पर है इसलिए उनके दोनों बेटे भारत नहीं आए। सुब्रत रॉय की पत्नी अपनो पोते के साथ भारत आई और उन्हें मुखाग्नि दी। बता दें कि सुब्रत रॉय के दोनों बेटों के पास मेसेडोनिया की नागरिकता है।

बिहार के अररिया में हुआ था जन्म

कंपनी के द्वारा जारी बयान के मुताबिक रॉय का कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण निधन हुआ है। सहार प्रमुख सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई कोलकाता से की थी। जिसके बाद गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने अपना कारोबार गोरखपुर से ही शुरु किया था। साल 1976 में संघर्षरत चिटफंड कंपनी सहारा फाइनेंस का अधिग्रहण करने से पहले उन्होंने गोरखपुर में व्यवसाय की दुनिया में कदम रखा। सुब्रत रॉस ने इस कंपनी को 1978 तक उन्होंने सहारा इंडिया परिवार में बदल दिया, जो आगे चलकर भारत के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप्स में से एक बन गया