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Noida: 20 साल बाद कुंभ और माघ मेला जैसे आयोजनों के लिए नहीं होगा गंगा-यमुना में पानी, एनजीटी ने मांगा जवाब

नई दिल्लीः प्रयागराज में अगले 20 साल में कुंभ और माघ मेला जैसे आयोजन कठिन हो जाएंगे। इसका कारण है गंगा और यमुना नदी से व्यावसायिक उपयोग के लिए हो रही जल निकासी है। सिंचाई, पेयजल के अलावा औद्योगिक जरूरतों के लिए सीधे नदी से पानी की निकासी की हो रही है। एनजीटी ने इस […]

Noida: 20 साल बाद कुंभ और माघ मेला जैसे आयोजनों के लिए नहीं होगा गंगा-यमुना में पानी, एनजीटी ने मांगा जवाब
inkhbar News
  • Last Updated: December 11, 2023 10:27:13 IST

नई दिल्लीः प्रयागराज में अगले 20 साल में कुंभ और माघ मेला जैसे आयोजन कठिन हो जाएंगे। इसका कारण है गंगा और यमुना नदी से व्यावसायिक उपयोग के लिए हो रही जल निकासी है। सिंचाई, पेयजल के अलावा औद्योगिक जरूरतों के लिए सीधे नदी से पानी की निकासी की हो रही है। एनजीटी ने इस मामले में केंद्र सरकार के सचिव वन एवं पर्यावरण सहित आठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर रिपोर्ट की मांग की है।

एनजीटी से कमलेश सिंह ने याचिका दायर कर शिकायत की है निकासी का असर यह हो रहा है कि प्रयागराज में यमुना और गंगा में पानी का संकट हो गया है। ऐसे में कुंभ और माघ मेला जैसे आयोजनों के लिए अगले 20 साल में मुश्किलें आएंगी।

फरवरी में एनजीटी करेगा सुनवाई

एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और डॉ. ए सेंथिल वेल ने अपने आदेश में माना कि पर्यावरण के नियमों को लेकर याचिका सवाल उठाती है। ऐसे में सचिव वन, सदस्य सचिव यूपीपीसीबी, डीएम प्रयागराज, मंडलायुक्त प्रयागराज, प्रभारी बारा थर्मल पावर प्लांट, मेजा व करछना नगर निकाय के कार्यकारी अधिकारी, एनटीपीसी के प्रभारी को नोटिस दिया गया है। इन सभी को आठ सप्ताह में अपना जवाब देना है। सात फरवरी को एनजीटी इस मामले में सुनवाई करेगा।

प्रयागराज में ही यमुना और गंगा में सीवर का पानी गिरना न रोकने पर सदस्य सचिव यूपीपीसीबी, मंडलायुक्त प्रयागराज, प्रमुख सचिव नगर विकास, डीएम प्रयागराज, महानिदेशक नेशनल मिशन फाॅर क्लीन गंगा मिशन को एनजीटी ने नोटिस दिया है। याचिका में बताया गया है कि 2024-25 में प्रयागराज में कुंभ मेला का आयोजन होना है। वहीं जेएनएनयूआरएम में बजट आवंटन के बाद भी सीवर लाइन डालने का काम शुरू नही हुआ। गंगा और यमुना में सीवर गिरने से रोकने के लिए करीब 800 करोड़ रुपये के बजट का होना जरूरी है।

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