Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Kannauj case: हिस्ट्रीशीटर मुन्ना यादव पत्नी की हार से बैखलाकर करता था ग्रामीणों संग मारपीट

Kannauj case: हिस्ट्रीशीटर मुन्ना यादव पत्नी की हार से बैखलाकर करता था ग्रामीणों संग मारपीट

नई दिल्लीः कन्नौज जिले के विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया में सोमवार यानी 25 दिसंबर की शाम दोहराए गए बिकरू कांड में एक सिपाही सचिन शहीद हो गए। इस मुठभेड़ की एक और कड़ी है जो अभी तक सभी की नजरों से बची हुई है। बता दें कि अशोक यादव उर्फ हिस्ट्रशीटर मुन्ना हर […]

Kannauj case: कुख्यात मुन्ना के काले कारनामे आए सामने, पत्नी की हार से बैखलाकर करता था ग्रामीणों की...
inkhbar News
  • Last Updated: December 27, 2023 22:05:14 IST

नई दिल्लीः कन्नौज जिले के विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया में सोमवार यानी 25 दिसंबर की शाम दोहराए गए बिकरू कांड में एक सिपाही सचिन शहीद हो गए। इस मुठभेड़ की एक और कड़ी है जो अभी तक सभी की नजरों से बची हुई है। बता दें कि अशोक यादव उर्फ हिस्ट्रशीटर मुन्ना हर पल पुलिस पर नजर बनाए हुए था। पुलिस के आने से पहले ही वह बेटे आर पत्नि के साथ घेराबंदी कर तैयार बैठा हुआ था।

सीसीटीवी कैमरे से कर रहा था निगरानी

मुन्ना घर के बाहर अलग-अलग दिशाओं में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से वह अंदर बैठ कर पुलिस चाल पर नजर रख रहा था। अशोक पुलिसकर्मी के आने का इंतजार कर रहा था। पुलिस ने जैसे ही मनुआ के इलाके में एंट्री ली मुन्ना ने प्लान के मुताबिक गोलियां बरसानी शुरू कर दी। धुआंधार फायरिंग के बीच एक गोली कांस्टेबल सचिन को जा लगी जिससे चलते उनकी जान चली गई।

कुख्यात मुन्ना यादव के बारें में जानें

बता दें कि कन्नौज के छिबरामऊ के जवानी की दहलीज पर पांव रखते ही मुन्ना यादव अपराध की ओर सक्रिय हो गया। व्यापारियों से रंगदारी वसूलने से लेकर उन पर रैब जमाना मुनुआ का शौक बन गया। रंगदारी न देने पर वर्ष 1998 में अपने गांव के रामसरोवर की हत्या कर उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा था।

नहीं निकलता था घर से बाहर

कुख्यात मुन्ना वर्ष 2014 में जेल से छूटने के बाद पहले तो हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुन्ना घर पर नहीं रह रहा था। प्रधान के इस कार्यकाल के अलावा पिछले आठ साल से वह घर से नहीं निकला था। वह लोगों से मिलने से मना करता था। मुन्ना ने गांव व रिश्तेदारी में आनेजाने की जिम्मेदारी पत्नी को दे रखी थी। आलम यह था कि वर्ष 2021 में पत्नी के प्रधानी चुनाव में वह खुद वोट डालने नहीं गया था। आपराधिक इतिहास की बात करें तो कुख्यात मनुआ के खिलाफ वर्ष 2016 के बाद से कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।

गांववालों की करता था पिटाई

मजबूत कद और हष्टपुष्ट शरीर वाला कुख्यात मुनुआ यादव से मिलने से ग्रामीण भी डरते थे। पत्नी की हार के बाद उसे जिस पर वोट न देने का शक हुआ, उसकी पिटाई कर दी। मुनुआ यादव ने अभिलाख उर्फ बाबा को वोट न देने के कारण धुनाई कर दी। इस मामले में उसके खिलाफ विशुनगढ़ थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। हालांकि उसके हाथों पिटने वाले कई ग्रामीण हिस्ट्रीशीटर की शिकायत करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाएं है।