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XpoSAT Launch: नए साल के पहले ही दिन इसरो ने लॉन्च किया एक और अंतरिक्ष मिशन, न्यूट्रॉन स्टार्स की करेगा स्टडी

नई दिल्ली। भारत साल की शुरुआत खगोल विज्ञान के सबसे बड़े रहस्यों में से एक ब्लैक होल के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उपग्रह भेजके कर रहा है। सुबह 9.10 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इस पहले एक्स-रे पोलरीमीटर उपग्रह यानी ‘एक्सपोसैट’ को रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) सी 58 के जरिए […]

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  • Last Updated: January 1, 2024 09:20:14 IST

नई दिल्ली। भारत साल की शुरुआत खगोल विज्ञान के सबसे बड़े रहस्यों में से एक ब्लैक होल के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उपग्रह भेजके कर रहा है। सुबह 9.10 बजे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इस पहले एक्स-रे पोलरीमीटर उपग्रह यानी ‘एक्सपोसैट’ को रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) सी 58 के जरिए लॉन्च किया गया। यह महज 21 मिनट में अंतरिक्ष में 650 किमी ऊंचाई पर पहुंच जाएगा। इस रॉकेट का ये 60वां मिशन होगा। इस मिशन में एक्सपोसैट के साथ साथ 10 अन्य उपग्रह भी पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किए जाएंगे।

न्यूट्रॉन स्टार्स की करेगा स्टडी

इसरो ने बताया कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से साल का पहला मिशन लॉन्च किया गया। मिशन की लॉन्चिंग के साथ ही भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन गया है, जिसने ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स की स्टडी के लिए स्पेशलाइज्ड एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेट्री को स्पेस में भेजा है। एक्सपोसैट एक तरह से रिसर्च के लिए एक ऑब्जर्वेट्री है, जो अंतरिक्ष से ब्लैक होल और न्यूट्रॉन स्टार्स के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाएगी।

निचली कक्षा में स्थापित होगा सैटेलाइट

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 2021 में ‘इमेजिंग एक्स-रे पोलेरिमीटरी एक्सप्लोरर’ (IXPE) नाम से एक मिशन लॉन्च किया था। इसके जरिए वर्तमान में ब्लैक होल सहित अंतरिक्ष में मौजूद अन्य चीजों की स्टडी हो रही है। एक्सपोसैट को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा गया है। पीएसएलवी रॉकेट के जरिए एक्सपोसैट सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा गया है। यह सैटेलाइट पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होगा, जहां से पृथ्वी की दूरी 650 किमी है।