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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की मूर्ति को 5 साल का स्वरूप ही क्यों दिया गया है?

नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा सफलतापूर्वक संपन्न हो चुकी है। अब प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए रामभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। हर श्रद्धालु, प्रभु श्रीराम के दर्शन की लालसा रखता है। इस दौरान सभी भक्तगण, भव्य राम मंदिर और कौशल्या नंदन की […]

Ayodhya Ram Mandir
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  • Last Updated: January 25, 2024 18:58:54 IST

नई दिल्ली। अयोध्या के राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा सफलतापूर्वक संपन्न हो चुकी है। अब प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए रामभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। हर श्रद्धालु, प्रभु श्रीराम के दर्शन की लालसा रखता है। इस दौरान सभी भक्तगण, भव्य राम मंदिर और कौशल्या नंदन की मनमोहक मूर्ति देखकर भावविभोर हो गए हैं। इस शुभ घड़ी को देखने के लिए राम भक्त तरस गए थे। बता दें कि अयोध्या में 5 साल के ही रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, जो कि 51 इंच की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रामलला की मूर्ति को 5 वर्ष का ही स्वरूप क्यों दिया गया है? आइए जानते हैं इसके पीछे की बात।

अयोध्या में स्थापित 5 साल के रामलला की मूर्ति

इस समय अयोध्या के राम मंदिर(Ayodhya Ram Mandir) में विराजित रामलला की मूर्ति हर किसी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। भगवान श्री राम भगवान के बाल स्वरूप को देखकर हर कोई भावुक नजर आ रहा है। वहीं बहुत से लोगों के मन में ये भी सवाल आ रहा है कि आखिर रामलला की मूर्ति को 5 साल का स्वरूप ही क्यों दिया गया है।

दरअसल, हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, 5 साल की उम्र तक को बाल्यकाल का समय माना गया है। जिसके बाद बाल को बोधगम्य माना जाता है। 5 साल तक के बच्चे बोध होते हैं, इसलिए उनकी हर गलती माफ होती है। हिंदू ग्रंथों के अनुसार, पांच वर्ष की उम्र तक भगवान और दिव्य पुरुषों की बाल लीलाओं का आनंद लिया गया है। जिसे इस दोहे के माध्यम से समझ सकते हैं-

काकभुशुंडी के श्लोक-

तब तब अवधपुरी मैं जाऊं। बालचरित बिलोकि हरषाऊं॥

जन्म महोत्सव देखउं जाई। बरष पांच तहं रहउं लोभाई॥

इस श्लोक के जरिए, काकभुशुंडी कहते हैं कि तब-तब मैं अवधपुरी जाता हूं तो उनकी बाल लीला देखकर हर्षित होता हूं। वहां जाकर मैं जन्म महोत्सव देखता हूं और उनकी लीला की लालसा में 5 वर्ष तक वहीं रहता हूं।

अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति है 51 इंच

अयोध्या में रामलला(Ayodhya Ram Mandir) जो मूर्ति स्थापित की गई है, वो 51 इंच की बताई जा रही है। आमतौर पर 5 साल तक के बच्चे की लंबाई 43 से 45 इंच होती है। लेकिन भगवान राम ने जिस युग में जन्म लिया था, वो त्रेता युग था। माना जाता है कि त्रेता युग में बच्चों की लंबाई अधिक होती थी। इसके अलावा 51 शुभ अंक को देखते हुए भी रामलला की मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच रखी गई है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।)

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