Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Bihar Politics: संजय कुमार झा को जानिए, जिन्होंने राजद को झटका देते हुए करा दिया जदयू-भाजपा का मेल

Bihar Politics: संजय कुमार झा को जानिए, जिन्होंने राजद को झटका देते हुए करा दिया जदयू-भाजपा का मेल

नई दिल्लीः बिहार में नीतीश कुमार ने एक बार फिर से सीएम पद की शपथ ले ली है। बता दें कि नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देते हुए महागठबंधन से किनारा कर लिया है। अब वे एक बार फिर बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता पर काबिज हो गए हैं। 10 साल में ये […]

Bihar Politics: संजय कुमार झा को जानिए, जिन्होंने राजद को झटका देते हुए करा दिया जदयू-भाजपा का मेल
inkhbar News
  • Last Updated: January 28, 2024 18:33:23 IST

नई दिल्लीः बिहार में नीतीश कुमार ने एक बार फिर से सीएम पद की शपथ ले ली है। बता दें कि नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देते हुए महागठबंधन से किनारा कर लिया है। अब वे एक बार फिर बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता पर काबिज हो गए हैं। 10 साल में ये दूसरी बार हो रहा है कि नीतीश कुमार भाजपा का दामन थाम रहे हैं लेकिन इस सियासी उथल-पुथल के असली खिलाड़ी का पता चला है। दरअसल, संजय कुमार झा ही जेडीयू की तरफ से बीजेपी को साथ मिलाकर गठबंधन की दीवार खड़ी करने में जुटे थे।

कौन है संजय कुमार झा ?

संजय कुमार झा को नीतीश कुमार का खासमखास माना जाता है। फिलहाल वे जदयू के राष्ट्रीय महासचिव है। बता दें कि 2017 में जेडीयू का बीजेपी के साथ गठबंधन करने में संजय कुमार झा ने अहम भूमिका अदा किया था। जेडीयू सांसद ललन सिंह ने साल 2022 में खुद इस बात को बताया था। वहीं इस बार भी जब नीतीश कुमार की बीजेपी के साथ गठबंधन की चर्चाएं हुई तो सबसे पहले संजय कुमार झा को ही मुख्यमंत्री आवास में बुलाया गया था। संजय झा का जन्म मधुबनी जिले के झंझारपुर के अररिया गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय जीबछ झा है। वहीं 1989 में दिल्ली के इंकलाबी नेहरू विश्वविद्यालय से संजय कुमार झा ने इतिहास में एम.डी. की पढ़ाई की थी।

भाजपा से उतरे सियासी मैदान में

संजय कुमार झा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की थी। जिसके बाद साल 2012 में वो जदयू में शामिल हो गए थे। 2014 में उन्होंने जेडीयू से दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन वो नहीं जीत पाए थे। जिसके बाद उन्हें विधानपरिषद भेजकर राज्य कैबिनेट में शामिल किया गया था। उनको मिथिलाचल में एक ब्राह्मण समुदाय के बड़े चेहरे के तौर पर भी देखा जाता है। वे बिहार राज्य योजना परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।