Inkhabar
  • होम
  • गुरु पर्व
  • कैसे मनाएं देवोत्थान एकादशी कि प्रसन्न हो जाएं विष्णु ?

कैसे मनाएं देवोत्थान एकादशी कि प्रसन्न हो जाएं विष्णु ?

कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी जो दिपावली के बाद आती है, उसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है या देवा एकादशी कहते हैं. दरअसल, भाद्रपद की एकादशी को भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं.चार महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निद्रा से जागते हैं. इसलिए इस दिन को देवोत्थानी या देव उठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.

goodluck guru
inkhbar News
  • Last Updated: November 22, 2015 16:53:36 IST
नई दिल्ली. कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी जो दिपावली के बाद आती है, उसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है या देवा एकादशी कहते हैं. दरअसल, भाद्रपद की एकादशी को भगवान विष्णु क्षीर सागर में शयन करने चले जाते हैं.चार महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निद्रा से जागते हैं. इसलिए इस दिन को देवोत्थानी या देव उठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है.
 
इस साल देवोत्थानी एकादशी का मान 21 नवंबर की शाम 7 बजे से लग गया है, जिसका मान 22 नवंबर को शाम 4:15 बजे तक रहेगा. ऐसी मान्यता है कि चूंकि इस दिन भगवान नारायण निद्रा से जागे थे, इसलिए उपासक को भी इस दिन व्रत रखते हुए रात्री जागरण करना चाहिए.
 
जब भगवान सोते हैं तो सारे पुण्य काम बंद हो जाते हैं. इस दिन से ही शादी-विवाह, नया कारोबार जैसे मांगलिक काम की शुरूआत होती है. इंडिया न्यूज़ के खास शो ‘गुडलक गुरू‘ में अध्यातमिक गुरू पवन सिन्हा आपको बताएंगे कि कैसे मनाएं आप देवोत्थान एकादशी?
 
वीडियो में देखें पूरा शो:

Tags