नई दिल्ली : मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि 55 प्रतिशत संभावना है कि 2024 रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष होगा. उन्होंने यह भी 99% संभावना दी कि ये वर्ष शीर्ष 5 सबसे गर्म वर्षों में शुमार होगा. यह दावा नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इन्फॉर्मेशन (एनसीईआई) की ताजा रिपोर्ट में किया गया है. ख़बरों के अनुसार मार्च 2024 में अधिकांश क्षेत्रों में समुद्र की सतह का तापमान औसत से ऊपर था. समुद्र का औसत तापमान सामान्य से 1.01 डिग्री अधिक है. 2016 की शुरुआत में समुद्र की सतह का उच्चतम तापमान – 0.83 सेल्सियस दर्ज किया गया था.
2024
ख़बरों के अनुसार मार्च 2024 में अफ्रीका, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के साथ-साथ पूर्वी उत्तरी अमेरिका, पूर्वी एशिया और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में तापमान औसत से ऊपर रहा, इसी समय पश्चिमी उत्तरी अमेरिका, मध्य एशिया और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के हिस्से औसत से काफी अधिक ठंडे थे. जबकि अफ़्रीका और दक्षिण अमेरिका ने रिकॉर्ड तौर पर अपने सबसे गर्म मार्च का अनुभव किया, तो वहीं यूरोप ने अपने दूसरे सबसे गर्म मार्च का अनुभव किया. रिपोर्ट के मुताबिक कार्बन डाइऑक्साइड, अन्य ग्रीनहाउस गैसों की तरह, सतह से स्थानांतरित गर्मी को रोकती है और इसे अंतरिक्ष में जाने से रोकती है. परिणामस्वरूप पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और चरम मौसम की घटनाएं लगातार होती जा रही हैं. इस संबंध में डेटा से पता चला है कि वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 424 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) तक पहुंच गया है, और ऐसा पिछले लाखों वर्षों में नहीं देखा गया है.
बता दें कि धरती की सतह के तापमान के मुताबिक ये चौथा सबसे गर्म मार्च बनाता है. जब तापमान सामान्य से 2.09 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है. इतना ही नहीं जून 2023 से यह लगातार दसवां महीना है जब वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान ने नया रिकॉर्ड बनाया है, यानी जून 2023 से कोई भी महीना ऐसा नहीं रहा, जब किसी महीने बढ़ते तापमान ने नया रिकॉर्ड न कायम किया हो.
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