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Nomination: चारपाई पर नामांकन करने गया प्रत्याशी बोला,जड़ से खत्म करुंगा समस्याएं

रांची: देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा है, सभी पार्टियां और उसके प्रत्याशियों ने चुनाव को जीतने के लिए जनता को अपने तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहें. एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जब लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी चारपाई पर नामांकन (Nomination) करने पहुंचा. नामांकन करने के […]

Nomination: The candidate who went to file nomination on the cot said, I will eliminate the problems from their roots.
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  • Last Updated: May 3, 2024 20:46:49 IST

रांची: देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा है, सभी पार्टियां और उसके प्रत्याशियों ने चुनाव को जीतने के लिए जनता को अपने तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहें. एक ऐसा ही मामला देखने को मिला जब लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी चारपाई पर नामांकन (Nomination) करने पहुंचा. नामांकन करने के बाद प्रत्याशी ने अपने क्षेत्रवासियों से वादा किया कि हमको वोट दीजिए यहां की समस्याओं को जड़ से खत्म कर देंगे. जिसका वीडियो वायरल हो रहा है.

क्षेत्र में हैं बहुत सी समस्याएं

चारपाई पर नामांकन (Nomination) करने जाने वाले झारखण्ड के चतरा लोकसभा क्षेत्र से बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रत्याशी महेश बांडो ने कहा कि यहां की समस्याओं के लिए वह चुनावी मैदान में आए हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में बहुत सी परेशानियां जिसको जड़ से खत्म करना बहुत ही जरुरी है. यहां पर सबसे बड़ी समस्या खराब सड़कों की है.

समस्याओं को करुंगा जड़ से खत्म

अपना नामांकन (Nomination) करने पहुंचे बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रत्याशी महेश बांडो ने कहा कि खटिया हमारा चुनाव चिन्ह है. खटिया पर ही हमारी पैदाइश होती है, हम खटिये पर खेलते हैं और उसी पर मर जाते हैं जिसकी वजह से खटिया हमारे लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यहां की जनता से उनको प्यार मिल रहा है. अगर लोग उनको चुनाव जिताते हैं तो यहां की सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी.

50% है क्षेत्र में ओबीसी मतदाताओं की संख्या

आपको बता दें कि, चतरा लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ों, आदिवासियों और दलित मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक है. जबकि ओबीसी समाज के लोगों के द्वारा दावा किया जाता है कि पूरे संसदीय क्षेत्र में ओबीसी की संख्या लगभग 50% है. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि ओबीसी मतदाताओं की संख्या 35% से कम हो. इसके अलावा क्षेत्र में आदिवासी समाज के मतदाताओं की संख्या भी 28 प्रतिशत बतायी जा रही है.

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